जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास सहित 30 अधिक ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारी है|वही, दूसरी ओर बीमा घोटाले में मलिक और उनके करीबियों पर सीबीआई छापा मार चुकी है|यह कार्रवाई किरू जलविद्युत परियोजना में भ्रष्टाचार से संबंधित बताई जा रही है।पिछले महीने, सीबीआई ने किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में आठ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
2022में जम्मू-कश्मीर सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करने का अनुरोध किया था|कुछ दिन पहले सत्यपाल मलिक ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ा ठेका देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का लालच दिया गया था| सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल थे।इस दौरान दो फाइलों को पास करने के लिए उन्हें 300 करोड़ की रिश्वत देने का लालच दिया गया था|
मामले की जांच सीबीआई द्वारा शुरू किए जाने के बाद कदाचार के मामले में शिकायत दर्ज की गई थी| सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि 2,200 करोड़ रुपये की किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर परियोजना को कदाचार में शामिल पाया गया। सीबीआई ने पिछले महीने छापेमारी में 21 लाख रुपये नकद और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे| चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारी एमएस बाबू, एमके मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट क्या है?: 624 मेगावाट की यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित है। 7 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को मंजूरी दी। लिमिटेड द्वारा किरू जलविद्युत परियोजना में निवेश किया गया था| इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4287.59 करोड़ का फंड मंजूर किया गया था| इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया था|
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