सिंधुदुर्ग तट पर पनडुब्बी परियोजना गुजरात में जाने की खबर सामने आने के बाद राज्य में नाराजगी की लहर फैल गई| तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया| जब सत्ताधारी भाजपा और महागठबंधन सरकार की आलोचना हो रही है तो अब विधायक नितेश राणे खुलकर सामने आए हैं|उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंधुदुर्ग में पनडुब्बी परियोजना कहीं नहीं जाएगी|उन्होंने इस बात की आलोचना की कि विपक्ष बिना कोई जानकारी प्राप्त किये भौंक रहा है| उनका यह भी मानना था कि महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान जिस परियोजना की उपेक्षा की गई थी, उसे महागठबंधन सरकार पूरा करेगी|
सिंधुदुर्ग जिले में इस बात की चर्चा थी कि यह परियोजना गुजरात को दी जा रही है, जबकि तटीय पनडुब्बी परियोजना के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान बजटीय प्रावधान किया गया था। इसके बाद विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा और महागठबंधन सरकार की आलोचना की|अब भाजपा विधायक नितेश राणे ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है|
नितेश राणे ने क्या कहा?: नितेश राणे ने कहा कि कुछ दिनों से सिधुदुर्ग में पनडुब्बी प्रोजेक्ट को लेकर मिली-जुली खबरें आ रही हैं| हमारे विरोधी अपेक्षा के अनुरूप जानकारी प्राप्त किए बिना भौंकने का काम कर रहे हैं। कोंकण और सिधुदुर्ग में बन रही यह पनडुब्बी परियोजना गुजरात तक नहीं जा रही है। कोंकण में पनडुब्बी प्रोजेक्ट की तरह ही गुजरात में भी प्रोजेक्ट करने का फैसला किया गया है| गुजरात की तरह केरल में भी पनडुब्बी परियोजना चल रही है। उन्होंने कहा कि किसी ने भी उनका प्रोजेक्ट नहीं छोड़ा है|
दीपक केसरकर ने इस परियोजना की शुरुआत 2018 में की थी जब वह वित्त राज्य मंत्री थे। बाद में माविआ के कार्यकाल में तत्कालीन पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कोई प्रोत्साहन नहीं दिया| चूंकि उन्होंने इस बात पर अधिक जोर दिया कि परियोजना को कैसे बंद किया जाएगा, आज गुजरात और केरल में काम शुरू हो गया। उन्होंने आलोचना की कि आदित्य ठाकरे की निष्क्रियता के कारण महाराष्ट्र में स्थिति ‘जैसी थी’ वैसी ही है। राणे का मानना था कि महागठबंधन सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी|
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