सोमवार (16 सितंबर) सर्वोच्च न्यायलय के वकील संजय हेगड़े ने अडानी कंपनी का नाम बदनाम करने के हेतु से लिखी गई “Adani denounces baseless accusations and threats” विषय की फर्जी प्रेस रिलीज को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से ट्वीट करते हुए प्रसारीत की। जिसमें वो अडानी कंपनी को ‘प्रेस रिलीज में गुनाह कबूल करने की गलती’ को लेकर नसीहत देते दिख रहे थे। संजय हेगड़े ने 10 सितंबर का एक फर्जी पत्र प्रसारीत किया, जिसमें इशारा दिया गया था कि कंपनी उन सरकारी शेयरधारकों और व्यक्तियों के नाम जारी करेगी, जिन्होंने कंपनी के निवेश और रिश्वत से लाभ उठाया है।
इस फर्जी पत्र पर संजय हेगड़े ने नसीहत देते हुए लिखा, “अडानी कंपनी के किस बेवकूफ ने इस प्रेस विज्ञप्ति का मसौदा तैयार किया है? क्या आपको एहसास है कि आपने रिश्वत देना स्वीकार कर लिया है? यह रिलीज़ आपको इसके बाद आपराधिक मामलों में परेशान कर सकती है। कभी भी खुद को दोषी न मानें जैसा कि रम्पोल ने कहा होगा।” वहीं टीम ओपइंडिया के अनुसार अडानी कंपनी ने ऐसा कोई भी पत्र रिलीज नहीं किया है।
दरम्यान सोशल मीडिया पर युजर्स ने फर्जी पत्र साझा करने के लिए वकील हेगड़े की आलोचना की, जिसके बाद वकील संजय हेगड़े को पत्र हटाना पड़ा। यूजर्स ने अडानी के मूल प्रेस बयानों की तुलना दिखते हुए कहा कि हस्ताक्षर, लोगो और पते विसंगतियों को स्पष्ट भी किया है।
लोगों के आइना दिखाने के बावजूद वकील संजय हेगड़े ने कहा है जब तक ALT NEWS और मुहम्मद जुबैर इसकी पुष्टी नहीं करते वो किसी का विश्वास नहीं करेंगे।
Have been waiting for a clarification or denial from @AdaniOnline but nothing so far. However many people say the letter is fake. Till the authenticity is confirmed @zoo_bear, I will temporarily delete the original tweet. pic.twitter.com/ylIuhtTFfz
— SANJAY HEGDE (@sanjayuvacha) September 16, 2024
गौरतलब, है की घटना तब हुई है जब अदानी समूह और एक अफ्रीकी विकास बैंक को केन्या में बिजली पारेषण लाइनें बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी में रियायत दी गई है, जिसका का मूल्य 1.3 बिलियन डॉलर है।