महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया| सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अगले दो सप्ताह में स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पालिका चुनाव में देरी को लेकर महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को जमकर फटकार लगायी|
महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर अंतिम सुनवाई बुधवार, 4 मई को सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण असंवैधानिक था, ठाकरे सरकार ने ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक महाराष्ट्र में चुनाव नहीं कराने का फैसला किया था। इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका पर आज अंतिम सुनवाई हुई और इस बार कोर्ट ने एक बार फिर ठाकरे सरकार को जमकर फटकार लगायी|
अदालत ने महाराष्ट्र में तत्काल स्थानीय पालिका चुनाव कराने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि अगले दो सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी। इसलिए ऐसे संकेत हैं कि महाराष्ट्र में पिछले कई महीनों से ठप्प पड़े स्थानीय पालिका चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। तो अब ये चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के होंगे|
शुरुआत में, महाराष्ट्र में स्वराज्य संस्था के चुनाव कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे। उसके बाद, सरकार ने चुनाव नहीं कराने का फैसला किया था क्योंकि ठाकरे सरकार सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को बरकरार नहीं रख सकती थी। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया है, तो सरकार इन चुनावों को कराने के लिए बाध्य है।
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