भाजपा विधायक अतुल भातखळकर ने शनिवार को शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की संभावित युति को लेकर कहा कि “अगर ठाकरे बंधु एक साथ आते हैं तो अच्छी बात है, लेकिन इससे महायुति के राजनीतिक यश पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हमें इसकी पूरी तरह से पुष्टि है।”
एक मीडिया सवाल के जवाब में भातखळकर ने कहा, “महाराष्ट्र की जनता को यह सवाल ही नहीं है कि ठाकरेगुट और मनसे की युति होगी या नहीं। यह सवाल उनके कार्यकर्ताओं को हो सकता है। लेकिन जनता के मन में स्पष्टता है कि भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) की महायुति को स्थानीय निकाय चुनावों में जीत दिलानी है।”
भातखळकर ने आगे कहा, “अगर उद्धव ठाकरे गुट और मनसे साथ आना चाहते हैं तो ज़रूर आएं, यह फैसला उनके नेताओं को करना है। लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने तय कर लिया है कि केंद्र और राज्य की तरह स्थानीय निकायों की सत्ता भी महायुति को ही देनी है।”
उन्होंने कहा, “यह दो भाइयों का मामला है। अगर वे एक साथ आते हैं तो अच्छी बात है, हम उसका स्वागत करेंगे। लेकिन इससे हमारे राजनीतिक यश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, हमें इसका पूरा विश्वास है।”
भातखळकर का यह बयान उद्धव ठाकरे की उस टिप्पणी के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था, “अब संकेत नहीं, सीधी खबर दूंगा। महाराष्ट्र के मन में जो है वही होगा।” ठाकरे के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मनसे और उद्धव गुट के बीच गठबंधन की घोषणा जल्द हो सकती है।
जहां भाजपा नेता युति की संभावनाओं को लेकर निश्चिंत दिख रहे हैं, वहीं ठाकरे बंधुओं की राजनीतिक नजदीकी राज्य की आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को दिलचस्प बना सकती है। हालांकि महायुति को भरोसा है कि विकास और स्थिरता के एजेंडे पर उन्हें जनता का समर्थन जारी रहेगा।
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