राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज देश की संसद में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया| इस भाषण में राष्ट्रपति ने देश के विकास, मोदी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों, क्रियान्वित गतिविधियों की समीक्षा की| वहीं, राष्ट्रपति ने सीएए, अनुच्छेद 370, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजे, नीट परीक्षा पेपर लीक मामला जैसे कई मुद्दों पर भी टिप्पणी की|राष्ट्रपति ने जैसे ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में तीसरी बार स्थिर सरकार आई है, विपक्ष ने शोर-शराबा करते हुए आपत्ति जताई, वहीं सत्ता पक्ष ने तालियां बजाकर इसका समर्थन किया|
संसद में आज असल में क्या हुआ?: राष्ट्रपति का अभिभाषण संसद के सेंट्रल हॉल में दिया गया| इसके बाद उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का एक हिस्सा अंग्रेजी में भी पढ़ा| इस संबोधन में हालिया लोकसभा चुनाव और एनडीए की जीत पर टिप्पणी की गई| “यह दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। इस चुनाव में 64 करोड़ लोगों ने अपना कर्तव्य निभाया है| राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि महिलाओं ने बड़ी संख्या में इस चुनाव में भाग लिया।
”जम्मू-कश्मीर में इस चुनाव की एक सुखद तस्वीर सामने आई है| वहां दशकों के वोटिंग रिकॉर्ड टूट गए हैं| पिछले 4 दशकों में हमने कश्मीर में बंद और हड़ताल के जरिए ही वोटिंग की तस्वीर देखी है| भारत के दुश्मन इसे जम्मू-कश्मीर की राय के तौर पर विश्व मंच पर फैलाते रहे, लेकिन इस बार कश्मीर से इस प्रोपेगेंडा का करारा जवाब दिया गया है| इस चुनाव में पहली बार लोगों ने घर जाकर वोट किया| राष्ट्रपति ने कहा, मैं लोकसभा चुनाव से जुड़े सभी कर्मचारियों को बधाई देता हूं।
“लगातार तीसरी बार स्थिर सरकार”: 2024 के लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया ने देखा है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार एक स्थिर और स्पष्ट बहुमत वाली सरकार बनाई है”, उन्होंने अपने भाषण में कहा। इसके बाद विरोधियों ने हंगामा शुरू कर दिया| वहीं सत्ता पक्ष ने ताली बजाकर इस बयान का समर्थन किया|
“ऐसा छह दशकों के बाद हुआ है। लोगों ने लगातार तीसरी बार मेरी सरकार पर भरोसा दिखाया है, जब भारतीय नागरिकों की उम्मीदें उच्चतम स्तर पर हैं। भारत के लोगों का मानना है कि केवल यही सरकार उनकी उम्मीदों को पूरा कर सकती है। इसलिए 2024 का चुनाव नीति, नियत, निष्ठा और निर्णय पर विश्वास का चुनाव बन गया है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा,”नागरिकों को एक मजबूत और निर्णायक सरकार में विश्वास है, सुशासन, स्थिरता और निरंतरता में विश्वास है, ईमानदारी और कड़ी मेहनत में विश्वास है, सुरक्षा और समृद्धि में विश्वास है, सरकारी गारंटी और कार्यान्वयन में विश्वास है, विकसित भारत के संकल्प में विश्वास है।”
यह मेरी सरकार की 10 साल की सेवा और सुशासन अभियान की मुहर है। यह सुनिश्चित करने के लिए जनादेश है कि विकासशील भारत का काम जारी रहे और भारत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करे| यही नहीं राष्ट्रपति ने देश के संयुक्त सदनों को संबोधित करते हुए आपातकाल का भी जिक्र किया| और कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे काला दिन साबित हुआ है|
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