टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही मोइत्रा ने भी कुछ सवाल उठाये हैं। मोइत्रा ने अपने आरोप में कहा है कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वेबुनियाद हैं, पीएमओ द्वारा बिजनेसमैन पर दबाव बनाकर मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। वहीं मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे पर सवाल खड़ा किया है। फिलहाल “कैश के बदले सवाल” का मामला संसद की एथिक्स कमिटी के पास है, इस मामले पर 26 अक्टूबर को संसद की आचार समिति सुनवाई करेगी।
दरअसल, बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने हस्ताक्षर किये गए हलफनामे में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मोइत्रा पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए कारोबारी गौतम अडानी पर निशाना साधा। उनका कहना है कि मोइत्रा पीएम मोदी को बदनाम करना चाहती हैं, इसकी वजह यह है कि उनकी प्रतिष्ठा के आगे विपक्ष उन पर हमला नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा है कि संसद में गौतम अडानी के खिलाफ सवाल करने के लिए टीएमसी सांसद ने पैसे लिये थे। अब इस मामले में मोइत्रा ने बिजनेसमैन हीरानन्दानी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि दर्शन हीरानंदानी पर दबाव बनाकर हलफनामे पर हस्ताक्षर कराया गया है।
उन्होंने कहा है कि दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा सफ़ेद पेपर पर है। न कि किसी ऑफिशियल लेटरहेड या नोटरी पर। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा है कि एक सम्मानित बिजनेसमैन सफ़ेद कागज़ पर हस्ताक्षर क्यों करेगा। वह ऐसा तभी करागा जब उसके सर पर नाबदूक रकडकर उससे हस्ताक्षर कराया गया हो। टीएमसी सांसद में हलफनामे को मजाक बताया है। उन्होने कहा है कि इसे किसी ऐसे व्यक्ति ने किया है जो पीएम मोदी का केवल तारीफ़ करना चाहता है।
टीएमसी सांसद ने एक्स पर दो पेज का लेटर जारी का पांच सवाल पूछा है। पहला दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या जांच एजेंसी के जरिये क्यों नहीं बुलाया गया ? फिर उन्होंने इस हलफनामे को किसे दिया। दूसरा, यह हलफनामा सफ़ेद पेपर पर है न की किसी लेटरहेड या नोटरी पर है। आखिर एक देश का सम्मानित बिजनेसमैन इस तरह से सफ़ेद काग़ज़ पर क्यों साइन करेगा। वह ऐसा तभी करेगा जब उसके सिर पर बंदूक रखा गया हो।
तीसरा, उन्होंने कहा है कि चिट्टी में लिखा गया कंटेंट पूरी तरह से मजाक है। इसे पीएमओ में कुछ ऐसे लोगों द्वारा तैयार किया गया है जो बीजेपी के आईटी सेल में एक क्रिएटिव राइटर के तौर पर काम करते हैं। यह पीएम मोदी और गौतम अडानी के लिए गीत जाता हुआ नजर आता है। इसमें उनके हर विरोधी को मेरे और मेरे कथित भ्रष्टाचार से जोड़ा गया है। इसमें जिन लोगों का नाम लिया गया है। उसे देखते हुए ऐसा लगाता है कि जैसे सबका नाम घुसा दो , फिर मौक़ा नहीं आएगा।
चौथा टीएमसी सांसद के लेटर के 12 पैराग्राफ में कहा गया है कि, दर्शन ने मेरी मांगे इस लिए मांग लिया ,क्योंकि उन्हें मुझे नाराज करने का डर था। दर्शन के पिता देश के बड़े बिजनेसमैन है और वे पीएम मोदी के विदेश दौरे के व्यापारिक मंडल शामिल रहे हैं। एक ऐसा व्यक्ति जिसकी पीएमओ तक पहुंच है। वह कैसे एक विपक्षी सांसद से डर सकता है। पांचवें सवाल में उन्होंने पूछा है कि अभी तक दर्शन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं किया। वह चाहते तो ट्वीट कर सकते थे या इसकी जानकारी उनकी कंपनी दे सकती थी। अगर उन्होंने सच में यह बात कही है तो उन्हें सामने आकर इन आरोपों को आधिकारिक तौर पर कहना चाहिए, न कि बैकडोर का सहारा लेना चाहिए।
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