अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शिक्षा विभाग को खत्म करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए कार्यकारी आदेश जारी कर दिया है। उनके अनुसार, शिक्षा नीति को संघीय सरकार के बजाय राज्यों के हाथों में सौंपना सही कदम होगा। इस फैसले को लेकर अमेरिका में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि शिक्षा विभाग को पूरी तरह बंद करने के लिए कांग्रेस की मंजूरी जरूरी होगी।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दिए भाषण में कहा कि शिक्षा विभाग “हमारे लिए कोई अच्छा काम नहीं कर रहा है” और इसे जल्द से जल्द बंद कर दिया जाएगा। उनका मानना है कि यह विभाग शिक्षा नीति को जटिल बनाता है और राज्यों की स्वायत्तता में बाधा डालता है। उनके आदेश के अनुसार, शिक्षा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैसे पेल ग्रांट्स और टाइटल I फंडिंग को अन्य एजेंसियों के तहत पुनर्गठित किया जाएगा, ताकि जरूरतमंद छात्रों को मिलने वाली सहायता जारी रहे।
ट्रंप प्रशासन का यह कदम उनके चुनावी वादों का हिस्सा है, जिसमें वे सरकार के अनावश्यक विस्तार को खत्म करने की बात कर चुके हैं। शिक्षा विभाग, जो 1979 में स्थापित किया गया था, फिलहाल संघीय स्तर पर नीतियों को लागू करने और वित्तीय सहायता के वितरण की जिम्मेदारी संभालता है। ट्रंप का मानना है कि शिक्षा नीति को स्थानीय सरकारों के हाथों में देना ज्यादा प्रभावी होगा, क्योंकि वे अपने क्षेत्र की जरूरतों को बेहतर तरीके से समझती हैं।
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इस फैसले को लेकर राजनीतिक विरोध भी सामने आया है। विपक्षी दलों का कहना है कि शिक्षा विभाग को खत्म करने से शिक्षा का राष्ट्रीय स्तर पर नियमन करना मुश्किल हो जाएगा और इससे गरीब तथा जरूरतमंद छात्रों को नुकसान हो सकता है। हालांकि, ट्रंप समर्थकों का मानना है कि यह कदम नौकरशाही को कम करेगा और शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाएगा।
कांग्रेस में इस आदेश को लेकर खींचतान हो सकती है, क्योंकि इसे लागू करने के लिए विधायी प्रक्रिया से गुजरना होगा। सदन में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत होने के कारण यह प्रस्ताव पारित हो सकता है, लेकिन सीनेट में इसे कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है। ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा सुधार उनकी प्राथमिकताओं में से एक है और वे इसे हर हाल में पूरा करेंगे।
अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इस आदेश को मान्यता देगी या इसे रोकने के लिए कोई वैकल्पिक कदम उठाएगी। फिलहाल शिक्षा विभाग का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है, लेकिन ट्रंप ने यह संकेत दे दिया है कि वे अपनी नीति को लागू करने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।