रावेर लोकसभा सीट ​पर आपस में भिड़े दो कांग्रेसी दिग्गज, खडसे और पाटिल ने ठोका ताल !

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ.उल्हास पाटिल भी इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कर सकते हैं​, लेकिन नाना पटोले ने एकनाथ खडसे को चुनौती देते हुए कहा है कि हम इस तरह की ​रणनीति​​ नहीं कर रहे हैं​|​

रावेर लोकसभा सीट ​पर आपस में भिड़े दो कांग्रेसी दिग्गज, खडसे और पाटिल ने ठोका ताल !

Two Congress stalwarts clashed with each other on Raver Lok Sabha seat, Khadse and Patil beat each other!

एनसीपी के वरिष्ठ नेता, विधान परिषद विधायक एकनाथ खडसे ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है|अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कांग्रेस की स्थिति का ऐलान किया है|नाना पटोले ने खडसे को किया है|रावेर लोकसभा सीट जीतने का श्रेय कांग्रेस को जाता है। तो मेरिट के आधार पर यह सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी।कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ.उल्हास पाटिल भी इस सीट से चुनाव लड़ने की बात कर सकते हैं​, लेकिन नाना पटोले ने एकनाथ खडसे को चुनौती देते हुए कहा है कि हम इस तरह की रणनीति नहीं कर रहे हैं|

रावेर लोकसभा चुनाव उम्मीदवारी पर बोले पटोले..: कौन कहां से लड़ेगा चुनाव? रावेर में कौन लड़ेगा इसका फैसला सीनियर ही लेंगे|शीर्ष स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है|नाना पटोले ने एकनाथ खडसे की रावेर लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा की आलोचना करते हुए कहा कि नीचे कुछ भी कहने का कोई मतलब नहीं है|नाना पटोले जलगांव में बोल रहे थे|तभी रावेर लोकसभा सीट से उम्मीदवारी को लेकर सवाल पूछा गया|तब नाना पटोले ने इस पर प्रतिक्रिया दी|

सीट बंटवारे पर पटोले की प्रतिक्रिया: लोकसभा चुनाव बस कुछ महीने दूर हैं|ऐसे में सीट आवंटन के मुद्दे पर चर्चा चल रही है|कहां तक पहुंचा महाविकास अघाड़ी का सीटों का बंटवारा? महाविकास अघाड़ी में क्या चर्चा हो रही है? इस पर नाना पटोले ने कमेंट किया|किसे कम सीटें मिलती हैं या ज्यादा। इसके बजाय, हम भाजपा सरकार को बाहर करना चाहते हैं, जो तानाशाही प्रवृत्ति की है और लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है। यही हमारा संकल्प है|पटोले ने कहा कि हम मोदी सरकार को हटाने के लिए लड़ रहे हैं|

“यह सरकार का मूर्खतापूर्ण निर्णय है”: नए मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ ट्रक चालक हड़ताल पर हैं। इस पर नाना पटोले ने प्रतिक्रिया दी|यह सरकार का विवेकाधीन निर्णय है। टैंकर चालकों के फैसले से पूरे देश का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है|इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है|वाहन चालकों के लिए यह कानून काला कानून है।इसीलिए सभी ड्राइवर उनके खिलाफ सड़क पर उतर आये हैं|तानाशाही प्रवृत्ति यानी इस केंद्र सरकार के द्वारा जन जीवन को अस्त-व्यस्त करने का काम किया जा रहा है|उन्होंने कहा कि भाजपाजानबूझकर लोगों के जीवन को बाधित और प्रभावित करने की कोशिश कर रही है|

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