शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विकृत कहते हुए उनकी आलोचना की, साथ ही कहा था कि बदलापुर घटना में राजनीति नजर आ रही है। विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने उद्धव ठाकरे की आलोचना पर हमला बोला है। नीलम गोरे ने कहा है कि 40 विधायकों के पार्टी छोड़ने से उद्धव ठाकरे सदमे में हैं, वह उस सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं।
शिवसेना शिंदे गुट की नेता और विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे ने कहा कि, ‘उद्धव ठाकरे को सारा अनुभव मिल गया है। किसी ने नहीं सोचा था कि शिवसेना के विधायक 10-12 से ऊपर जाएंगे। अब तक बस दो-तीन विधायक जा चुके थे, उन्होंने नहीं सोचा था कि चालीस विधायक जायेंगे क्योंकि उनका विधायकों से कोई संवाद नहीं था। इसलिए, मुझे लगता है कि 40 विधायकों के चले जाने से उन्हें जो सदमा पहुंचा है, उससे वे अभी तक बाहर नहीं आ पाए हैं। इसलिए हर विषय में वो इसी का जिक्र करते है।’, नीलम गोरे ने कहा।
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उन्होंने आगे कहा कि कुर्ला में घटना तब हुई जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब वो खुद वहां नहीं गए थे। कोई भी मुख्यमंत्री कहीं भी दौरा करे। उस पर मेरी कोई राय नहीं है। मुख्यमंत्री न होते हुए उद्धव साहब कोठेवाड़ी का दौरा करने आये थे। उस वक्त के उद्धव साहब और मुख्यमंत्री बनने के बाद के उद्धव साहब में काफी फर्क है। मेरी एक ही राय है कि वे बदलापुर घटना में कोई राजनीतिक मतभेद नहीं लेकर आये। मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे आज पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। इस विषय को भटकाना नहीं चाहिए। यह विषय अन्यत्र नहीं जाना चाहिए। नीलम गोरे ने अनुरोध भी किया है कि सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत होकर काम करें।
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