दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी विभव कुमार भी मई के महीने से हवालात में है। ऐसे में उनके वकील द्वारा हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिका लगाई गई है। विभव कुमार पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में मारपीट करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में विभव कुमार की जमानत याचिका प्रलंबित है। याचिका पर अपनी बात रखने के आदेश के बाद गुरुवार(21 अगस्त) को दिल्ली पुलिस ने कहा है की विभव मामले में सहयोग नहीं कर रहें है।
दिल्ली पुलिस जवाब में विभव की जमानत याचिका पर विरोध का सुर आलापती दिखी। दिल्ली पुलिस ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है की उन्हें विभव कुमार द्वारा गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की आशंका है। वहीं जमानत याचिका को निशाना बनाते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा है की लंबे समय तक जेल में रहना जमानत का आधार नहीं हो सकता।
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दिल्ली पुलिस ने स्पष्टीकरण दिया है की विभव कुमार दिल्ली पुलिस के सवालों के साथ टालमटोल कर रहें है, साथ ही दिल्ली पुलिस को सहयोग भी नहीं कर रहें है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है की, ‘बिभव कुमार ने अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया था। इस फोन में घटना के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है। इस घटना ने सांसद स्वाति मालीवाल की मानसिक स्थिति पर काफी असर डाला, जिसके कारण उन्हें चार दिनों तक अपने घर में ही रहना पड़ा।’
इससे पहले जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई को 3 हफ्ते के लिए टाला गया था, साथ ही दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए थे, जिस पर अपना पक्ष रखते हुए दिल्ली पुलिस ने जमानत पर विरोध जताया है। वहीं विभव को भी 24 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 अगस्त को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।
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