उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर एकनाथ शिंदे पर हमला बोला। उन्होने कहा कि मैंने सीएम आवास छोड़ा है लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ी है। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने इमोशन कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे के लिए क्या क्या नहीं किया। मैंने अपने हिस्से का दो मंत्रालय भी दे दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद समस्याएं भी शुरू हो गई। कोरोना खत्म होने के बाद मेरे गर्दन में दर्द शुरू हो गया। जो यह समस्या बनी हुई है।सीएम ने बात शिवसैनिकों की बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के लिए क्या क्या नहीं किया। मैंने शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय दिया। अपने हिस्से के दो मंत्रालय भी दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी ठाकरे और ठाकरे परिवार के बिना कुछ नहीं कर सकता। एक कविताई अंदाज में उद्धव ठाकरे ने कहा कि पेड़ों पर फूल होते हैं, शाखाएं होती हैं। लेकिन वे जड़ तो नहीं हो जाती हैं? कोई अगर छोड़ गया तो मै बुरा क्यों मानूँ, सूखे पत्तों को जाने दो नए आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमें पद का कोई मोह नहीं है। मै बीमार था और मेरा ऑपरेशन हुआ था, लेकिन मेरे पीछे लोग दूसरा ऑपरेशन चला रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता का कोई मोह नहीं है ,लेकिन जिस तरह से बगावत की गई वह ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग गुवाहाटी गए वह केवल पैसे के लिए गए हैं।
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