मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में एक की मौत से बढ़ा तनाव!

पिछले साल मई में मैतेई और कुकी दोनों समूहों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में एक की मौत से बढ़ा तनाव!

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मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक शिविर से छह लोगों के लापता होने और बाद में उनके शव मिलने के बाद से राज्य में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया है। इससे पहले सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी युवकों की मौत हो गई थी। पिछले साल मई में मैतेई और कुकी दोनों समूहों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में जारी हिंसा और बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ताजा मामले में सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है, जिससे तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। पुलिस ने भी एक मौत की पुष्टि की है, लेकिन ये पता नहीं चला कि गोली किसने चलाई। वहीं चश्मदीदों का कहना है कि गोली सुरक्षाकर्मियों की तरफ से चली थी। प्रदर्शनकारी एक संपत्ति में तोड़फोड़ कर रहे थे, उसी दौरान सुरक्षाबलों की गोली से एक युवक की मौत हो गई।

राज्य की बिगड़ती शासन व्यवस्था को लेकर 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में सात विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि, समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि भगवा पार्टी के पास अपने 32 विधायकों के साथ बहुमत है। भाजपा को नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के पांच विधायकों और जेडी(यू) के छह विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।

राज्य के जिरीबाम जिले में महिलाओं और बच्चों को अगवा कर उनकी हत्या करने के बाद से हिंसा और प्रदर्शन जारी है। लोगों की भीड़ द्वारा जनप्रतिनिधियों के आवासों और कार्यालयों पर हमले भी जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों के साथ ही जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घर में भी तोड़फोड़ और आगजनी की।

गौरतलब है कि रविवार को दवा की दुकानों को छोड़कर अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा। सुरक्षाबलों ने इंफाल के कई हिस्सों में गश्त तेज कर दी है और खासकर विधायकों के कई आवासों के साथ-साथ सचिवालय, राज्य भाजपा मुख्यालय और राजभवन की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर तैनाती बढ़ा दी है।

इंफाल घाटी में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, जहां प्रदर्शनकारियों द्वारा कई मंत्रियों और विधायकों की संपत्ति में तोड़फोड़ और आगजनी के बाद कर्फ्यू लागू है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
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