उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, इस मूल सिद्धांत को मजबूत किया जाएगा। इस संशोधन में बढ़ती भागीदारी के साथ, हम निश्चित रूप से समाज की बेहतरी के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाएंगे। इन सभी सकारात्मक पहलुओं को देखते हुए, हम इस बिल का तहे दिल से स्वागत करते हैं।
वक्फ संशोधन बिल के विरोध पर दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि ये लोग अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इस हद तक अपनी आंखें बंद कर ली हैं कि वे मुसलमानों का विकास बर्दाश्त नहीं कर सकते। आम, गरीब और हाशिए पर पड़े मुसलमानों की तरक्की उन्हें अच्छी नहीं लगती।
उन्होंने आगे कहा, “1,100 करोड़ रुपये का राजस्व जो नहीं आ रहा है, वह कहां गायब हो रहा है? यह किसकी जेब में जा रहा है? अगर पारदर्शी तरीके से सालाना राजस्व 1,100 करोड़ रुपये वक्फ के पास आता, तो हमारे मुसलमानों को काफी फायदा होता। हम इन पैसों से 800 से अधिक कॉलेज खोल सकते थे। 300 से अधिक अस्पतालों का निर्माण करा सकते थे।”
दानिश आजाद अंसारी ने राज्य में वक्फ संपत्तियों की एक विस्तृत सूची जारी की है। इस सूची में उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की कुल संख्या, उनकी सीमा और स्वामित्व रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने एक जिले का उदाहरण देते हुए लोगों से अपील की है कि वे वहां जाएं और जांच करें कि वक्फ की जमीनों पर कितने अस्पताल और स्कूल खोले गए हैं।
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