भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष का चुनाव हाल ही में हुआ। इस चुनाव में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथी संजय सिंह ने जीत हासिल की है| इस नतीजे से उन पहलवानों में जबरदस्त गुस्सा फैल गया है, जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनका विरोध किया था| संजय सिंह के अध्यक्ष बनने पर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया है। वहीं ओलिंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक हमेशा के लिए पहलवानी कर चुकी हैं। इस पर बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है|
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ”अगर वे परेशान हैं तो हम उनकी मदद के लिए क्या कर सकते हैं?” यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है (कुश्ती बंद करना, पद्मश्री लौटाना)। जो लोग पिछले 12 महीनों से मेरा अपमान करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। वे अब भी मुझे कोस रहे हैं, मैं उनकी क्या मदद कर सकता हूँ? असल में, उन्हें दुर्व्यवहार का अधिकार किसने दिया? आज वे चुनाव नतीजों पर सवाल उठा रहे हैं| वे सरकार पर सवाल उठा रहे हैं| आज वे यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे कांग्रेस की गोद में बैठे हैं।’ आज देश का कोई भी पहलवान उनके साथ नहीं है| तो मैं इन पहलवानों की मदद के लिए क्या कर सकता हूँ? क्या मैं फांसी लगा लूं?
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के लिए गुरुवार (21 दिसंबर) को चुनाव हुए। इस चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने पूर्व पहलवान अनिता शेरोन को हराया था| इस चुनाव में कुल 47 लोगों ने मतदान किया| इसमें से संजय सिंह को 40 वोट मिले जबकि अनीता को मात्र सात वोट मिले|
कई पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था| साथ ही बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिल्ली में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया| उस विरोध के बाद भी बृजभूषण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई| बृजभूषण के कट्टर समर्थक संजय सिंह ने कुश्ती संघ के चुनाव में जीत हासिल की है| विरोध कर रहे सभी पहलवान चुनाव के नतीजे से निराश हैं|
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