अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर राजनीति चरम पर है। 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाना है,इस समारोह में शामिल होने के लिए लगभग आठ हजार लोगों को न्योता भेजा जा रहा है। इस समारोह का विपक्ष के सभी राजनीतिक दल बहिष्कार कर चुके हैं. कांग्रेस, टीएमसी, सपा आदि पार्टियों के नेता इस समारोह में नहीं जाने की बात कह चुके हैं.लेकिन 22 जनवरी को खुद को हिन्दुओं का सबसे बड़ा परोपकार बताने के लिए उस दिन अपने आसपास के मंदिर में जाने का ऐलान किये हैं।
उद्धव ठाकरे: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम के लिए अभी तक उन्हें न्योता नहीं मिला है। इससे उद्धव गुट परेशान और हैरान है। न्योता नहीं मिलने पर आये दिन उद्धव ठाकरे और संजय राउत बीजेपी पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। अब इस दिन उद्धव ठाकरे नासिक में स्थित कालाराम मंदिर में पूजा पाठ करेंगे, इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रण भेजा है। दरअसल, उद्धव ठाकरे अपने सबसे बड़ा हिन्दूवादी घोषित करने के लिए यह कदम उठाये हैं। यह सब हिन्दू वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश है। उद्धव और अन्य नेताओं को यह डर है कि पीएम मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन कर हिन्दुओं को अपने पाले में कर लेंगे और 2024 के लोकसभा में चुनाव में इसका उन्हें लाभ मिलेगा।
ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वे 22 जनवरी को काली मंदिर जाएंगी और पूजा अर्चना के बाद रैली करेंगी। उन्होंने कहा है कि वे उस दिन मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारा सभी धार्मिक स्थलों पर जाएगी। उन्होंने इस दौरान सभी धर्मो के लोगों को निकलने वाली रैली में शामिल होने की अपील की है। ममता बनर्जी ने ब्लॉक स्तर के टीएमसी नेताओं को भी रैली निकालने के लिए कहा है।
अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समय समय पर खुद को हनुमान भक्त बताते रहे हैं. मंगलवार को दिल्ली में कई स्थानों पर सुंदर पाठ का आयोजन किया गया . जिसमें आम आदमी पार्टी के कई नेता और मंत्री भी शामिल हुए ,खुद केजरीवाल दिल्ली के रोहिणी में स्थित बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना करने साथ ही सुंदर पाठ किया. दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को हर महीने के पहले मंगलवार को पूरे दिल्ली में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ करने ऐलान का किया था . यह आयोजन दिल्ली के सभी विधानसभा में आयोजित किया जाएगा .
राहुल गांधी: कांग्रेस ने अयोध्या में होने वाले 22 जनवरी के समारोह में शामिल नहीं होगी. इससे पहले वह 14 जनवरी के मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रही है. यह यात्रा 15 राज्यों से होकर गुजरेगी और 20 मार्च को इसका सम्मान मुंबई में होगा .यह यात्रा लगभग 110 जिलों से होकर गुजरेगी और इसकी कुल दूरी 6700 किलोमीटर होगी .
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