रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर्व देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। भाई उनकी रक्षा का वादा करते हैं। वही कहा जाता है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधना चाहिए। आइये इसके पीछे की कहानी बताते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त 2022, दिन रविवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 03 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी। जो कि 22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। रक्षा बंधन उदया तिथि में 22 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ होता है। दरअसल शास्त्रों में राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछे कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है।