अंबाबाई देवी के दर्शन की शुरुआत गर्भगृह से ,भक्तों को राखी पूर्णिमा का उपहार

कोरोना काल में भक्तों ने केवल पीतल की छतरी के दर्शन किये थे। इसके बाद भी इस फैसले को बरकरार रखा गया| भक्त ऐसे दर्शन से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने पीतल के छतरी के अंदर से दर्शन की मांग की। इस बीच आज सुबह से ही भक्तों ने गर्भगृह से दर्शन शुरू कर दिए हैं|

अंबाबाई देवी के दर्शन की शुरुआत गर्भगृह से ,भक्तों को राखी पूर्णिमा का उपहार

The darshan of Ambabai Devi in ​​Kolhapur starts from the sanctum sanctorum, Rakhi Purnima gift to the devotees!

कोल्हापुर साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक प्रमुख पीठों में से एक करवीर निवासिनी अंबाबाई के दर्शन आज से एक बार फिर गर्भगृह में किए जा सकेंगे। राखी पूर्णिमा के इस दौरे से भक्तों में खुशी का माहौल है| कोरोना काल में भक्तों ने केवल पीतल की छतरी के दर्शन किये थे। इसके बाद भी इस फैसले को बरकरार रखा गया| भक्त ऐसे दर्शन से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने पीतल के छतरी के अंदर से दर्शन की मांग की। इस बीच आज सुबह से ही भक्तों ने गर्भगृह से दर्शन शुरू कर दिए हैं|

भ्रम बना रहता है: संरक्षक मंत्री केसरकर ने कहा है कि भीड़ के दिनों को छोड़कर पीतल के गर्भगृह के अंदर से दर्शन उपलब्ध होंगे। इस बारे में स्पष्टता दी जानी चाहिए कि वास्तव में भीड़ वाले दिन कौन से हैं। इसलिए भ्रम की स्थिति बनी हुई है|अचानक बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या के कारण पीतल की छतरी के अंदर दर्शन की सुविधा नहीं मिलने पर विवाद होने के संकेत हैं।

सुबह 5:50 बजे देवी का पट खुलने के बाद से भक्तों ने पीतल के दरवाजे से दर्शन करना शुरू कर दिया है|मंदिर समिति के प्रबंधक महादेव डिंडे ने कहा, भक्त अनुशासित तरीके से दर्शन कर रहे हैं।

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