भारतीय टीम ने पहली बार महिला अंडर-19 टी-20 विश्व कप जीता। शेफाली वर्मा की अगुआई में खेल रही भारतीय टीम ने गेंदबाजी, फील्डिंग और फिर बल्लेबाजी में कमाल दिखाया। भारतीय लड़कियों ने इंग्लैंड की पूरी टीम को 68 रनों पर समेट कर खिताब की ओर एक बड़ी छलांग लगाई। फिर बल्लेबाजों ने अपना काम किया।
श्वेता ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 297 रन बनाए हैं और नाबाद 92 रन उनका निजी सर्वश्रेष्ठ था। शेफाली ने भी 7 मैच में 172 रन बनाए। गेंदबाजी में भारत के लिए पार्शवी चोपड़ा ने सबसे ज्यादा 11 विकेट लिए हैं। शेफाली वर्मा के नेतृत्व में भारत की अंडर-19 लड़कियों ने वर्ल्ड कप के फाइनल में जोरदार प्रदर्शन किया है|
गेंदबाजी और फील्डिंग में शानदार खेल दिखाते हुए भारत की महिला खिलाडियों ने इंग्लैंड की नींद उड़ा दी| तीतास संधू, अर्चना देवी और पार्शवी चोपड़ा ने दो-दो विकेट लेकर इंग्लैंड की लड़कियों की टीम को खराब कर दिया। इंग्लैंड की टीम 68 रन बनाकर लौटी।
संधू ने पहले ही ओवर में इंग्लैंड के लिबर्टी हीप (0) को अपनी ही गेंदबाजी के दम पर लपका| फिर चौथे ओवर में अर्चना देवी ने इंग्लैंड की निआह हॉलैंड (10) को आउट कर हैट्रिक ली। देवी ने कप्तान ग्रेस स्क्रिवेंस (4) को आउट कर इंग्लैंड को बड़ा झटका दिया। संधू ने मैच का दूसरा विकेट लेते हुए सेरेन स्मेल का विकेट लिया।
चोपड़ा ने इसके बाद दो विकेट झटक दिए। भ्रमित इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने विकेट गिरते ही गए । जोसी ग्रोव्स (4) रन आउट हुए। शेफाली ने हन्ना बेकर (0) को इंग्लैंड के आठवें ओवर में वापस भेज दिया। मन्नत कश्यप ने नौवें ओवर में एलेक्सा स्टोनहाउस (11) का विकेट लिया। आखिरी विकेट सोनम यादव ने लिया।
आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में 68 सबसे कम पारी थी। इससे पहले 2006 में अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को 71 रन पर आउट कर दिया था। जवाब में भारतीय टीम को भी 20 रन पर दो झटके लगे।
कप्तान शेफाली वर्मा 15 रन बनाकर आउट हुईं, जबकि श्वेता सहरावत 5 रन बनाकर आउट हुईं। सौम्या तिवारी (24) और गोंगडी तृषा (24) ने भारत की पारी को संभाला। भारत ने इस मैच को 7 विकेट बरकरार रखते हुए जीतकर इतिहास रच दिया। महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने अपना पहला टी-20 विश्व कप जीता और आज अंडर-19 खिलाड़ियों ने शेफाली वर्मा के नेतृत्व में ऐसा ही किया।