24 C
Mumbai
Tuesday, December 9, 2025
होमक्राईमनामा'दिल्ली दंगा एक पूर्व नियोजित साजिश थी'

‘दिल्ली दंगा एक पूर्व नियोजित साजिश थी’

शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत का एसजी तुषार मेहता ने किया विरोध

Google News Follow

Related

दिल्ली हाईकोर्ट में 2020 दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोप में बंद शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तीखी आपत्ति जताते हुए कहा कि देश विरोधी साजिशकर्ताओं को जेल में ही रहना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि यह कोई सामान्य दंगा नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी और सुनियोजित साजिश थी। हाईकोर्ट में पेश होकर तुषार मेहता ने कहा, “जिन्होंने देश के खिलाफ साजिश रची है, उन्हें महज लंबे समय से जेल में रहने की दलील पर राहत नहीं दी जा सकती। इस तरह के अपराधी जमानत के अधिकारी नहीं हैं।”

एसजी मेहता ने अदालत के समक्ष स्पष्ट किया कि यह दंगा अचानक भड़के गुस्से का परिणाम नहीं था, बल्कि जानबूझकर उस समय कराया गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आने वाले थे। उनका कहना था कि “इसका उद्देश्य वैश्विक मीडिया का ध्यान खींचना और देश की प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाना था।”

उन्होंने कहा कि इस साजिश में गुफिशा, उमर खालिद, शरजील इमाम समेत कई लोग शामिल थे, जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लगातार संपर्क में थे। दंगों में गुलेल से एसिड, पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए, और साजिशकर्ता ताहिर हुसैन पर दंगाइयों को पैसे देने के आरोप हैं, जो गवाहों के बयान में दर्ज हैं।

सुनवाई के दौरान, एसजी मेहता ने शरजील इमाम की विवादित स्पीच को पढ़कर कोर्ट में सुनाया, जिसमें शरजील कहता है,“अगर हमारे पास पांच लाख लोग ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम हिंदुस्तान और नॉर्थ ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं… इतना कूड़ा डालो पटरियों और सड़कों पर कि हटाने में ही एक महीना लग जाए… तभी हमारी बात सुनी जाएगी।” इस बयान का हवाला देते हुए मेहता ने कहा कि शरजील देश को धर्म के आधार पर बांटने की सोच रखता है और उसने जेएनयू में मुस्लिम स्टूडेंट्स का अलग ग्रुप बनाकर संस्थान की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ काम किया।

मेहता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी पर हुआ यह हमला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव पूरे देश की संप्रभुता और अखंडता पर पड़ा है। उन्होंने कहा, “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लंबी कैद कोई मायने नहीं रखती। यह सिर्फ व्यक्ति का नहीं, देश के खिलाफ अपराध है।”

एसजी तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई जांच को सराहा, और कहा कि यह उनके सामने आई सबसे बेहतरीन जांचों में से एक है। उन्होंने अदालत को बताया कि इस मामले में धारा 164 के तहत 58 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।

गौरतलब है कि शरजील इमाम को 2020 में बिहार से गिरफ्तार किया गया था, जब उस पर भड़काऊ भाषण देने और दिल्ली में हिंसा भड़काने के आरोप लगे थे। उमर खालिद और मीरान हैदर समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। यह मामला अब केवल जमानत की मांग का नहीं, बल्कि देश की एकता, कानून व्यवस्था और संवैधानिक मूल्यों की परीक्षा बन गया है।

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,701फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें