मुंबई। मुंबई स्पेशल कोर्ट ने एक 30 वर्षीय अरबी भाषा पढ़ाने वाले शिक्षक को पांच साल की बच्ची को क्लास में पोर्न दिखाने के आरोप में एक साल की सजा और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। शिक्षक पर आरोप है कि बच्ची को पोर्न दिखाने के बाद आपत्तिजनक हरकत भी की थी।
दअरसल, 30 अगस्त 2016 को अरबी शिक्षक ने एक नाबालिग बच्ची को पोर्न दिखाया था। उस समय बच्ची की उम्र महज पांच साल थी। शिक्षक ने पोर्न दिखाने के बाद आपत्तिजनक हरकत भी की थी। मुंबई की एक मस्जिद में बच्ची अरबी पढ़ने के लिए जाती थी। शाम करीब साढ़े पांच बजे उसके चाचा मस्जिद छोड़कर आए थे, जिसके बाद शिक्षक ने बच्ची को पोर्न दिखाया।
क्लास के बाद जब वह घर आई और उसकी मां ने क्लास के बारे में पूछा, तब उसने पूरी कहानी सुनाई। इसके बाद मां के होश उड़ गए और उन्होंने बच्ची के पिता को पूरी बात बताई, जिसके बाद चेंबूर पुलिस स्टेशन में माता-पिता ने शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। आरोपी शिक्षक का कहना था कि उसे जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। क्योंकि, माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे थे और बच्ची को अगली कक्षा में प्रमोट करने का दबाव बना रहे थे। मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने जब इस मामले की सुनवाई की तो उन्हें ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, जिससे साबित हो कि माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे थे।
स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर गीता शर्मा ने कोर्ट में कहा क बच्ची को जो कंटेंट दिखाया गया वह अश्लील था। इसके बाद जज भारती काले ने कहा कि कोई भी मां, अपनी बच्ची को इस आरोप में फंसा कर उसका भविष्य दांव पर नहीं लगा सकती।
क्लास के बाद जब वह घर आई और उसकी मां ने क्लास के बारे में पूछा, तब उसने पूरी कहानी सुनाई। इसके बाद मां के होश उड़ गए और उन्होंने बच्ची के पिता को पूरी बात बताई, जिसके बाद चेंबूर पुलिस स्टेशन में माता-पिता ने शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। आरोपी शिक्षक का कहना था कि उसे जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। क्योंकि, माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे थे और बच्ची को अगली कक्षा में प्रमोट करने का दबाव बना रहे थे। मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने जब इस मामले की सुनवाई की तो उन्हें ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, जिससे साबित हो कि माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे थे।
स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर गीता शर्मा ने कोर्ट में कहा क बच्ची को जो कंटेंट दिखाया गया वह अश्लील था। इसके बाद जज भारती काले ने कहा कि कोई भी मां, अपनी बच्ची को इस आरोप में फंसा कर उसका भविष्य दांव पर नहीं लगा सकती।