सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन ने ज्यूरी सिस्टम पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की प्रतिक्रिया पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्र न्यायपालिका का आखिरी गढ़ ढह गया तो देश अंधकार और रसातल में चला जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार के लिए जूरी द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों के नामों को वापस लेना लोकतंत्र के खिलाफ है।
पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों के चयन को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव चल रहा है। केंद्र सरकार जूरी सिस्टम में अपना प्रतिनिधि चाहती है। साथ ही किरण रिजिजू की ओर से मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी दिया गया है| रिजिजू ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार जूरी द्वारा सुझाए गए नामों को आंख मूंदकर मंजूरी नहीं दे सकती है।
इसी मामले में अब पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन ने प्रतिक्रिया दी है। मुंबई विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि किरेन रिजिजू ने जूरी सिस्टम की बार-बार आलोचना की है। एक नागरिक के तौर पर आप किसी भी चीज की आलोचना कर सकते हैं, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन यह कभी न भूलें कि आप एक जिम्मेदार पद पर हैं। एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में आप सही और गलत निर्णय लेने के लिए बाध्य हैं।
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