बिहार में एक फरवरी से इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। मनीष शंकर नाम का छात्र नालंदा के एक परीक्षा केंद्र में ब्रिलियंट कॉन्वेंट स्कूल में पेपर देने गया था| क्लास में घुसते ही उसकी नजर लड़कियों पर पड़ी। क्लास में करीब 500 लड़कियां थीं। क्लास में मनीष के अलावा कोई लड़का नहीं था। 500 लड़कियों के बीच बैठकर पेपर लिखने के ख्याल से मनीष का पेट खराब हो गया। उसकी हालत खराब हो गई। अचानक उसे चक्कर आया और वह नीचे गिर पड़ा। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि स्कूल के शिक्षक मस्ती करने वाले लड़कों को लड़कियों के बीच बैठा देते हैं| शिक्षकों ने अनुमान लगाया कि अगर एक लड़के को दो लड़कियों के बीच रखा जाएगा, तो उसे मज़ा नहीं आएगा। अक्सर यह आइडिया काम कर जाता है। लेकिन बिहार में एक लड़के के साथ कुछ और ही कहानी हुई है| परीक्षा देने गए लड़के को क्लास में जाते समय चक्कर आ गया और इसकी वजह क्लास में मौजूद लड़कियां थीं| छात्र की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मनीष की चाची ने कहा कि मनीष शंकर अल्लम इकबाल कॉलेज में पढ़ता है। वे ब्रिलियंट कान्वेंट स्कूल में पेपर देने गए। जब वह कक्षा में गया, तो उसने हर जगह लड़कियों को देखा। उस क्लास में मनीष के अलावा कोई लड़का नहीं था। इससे मनीष की एक अलग ही टेंशन हो गई। वह ऊब गया। क्लास में लड़कियों की भीड़ देखकर मनीष डर गया। उसे बुखार हो गया। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा|
इस समय घटना की चर्चा हर ओर हो रही है। कुछ को मामला फनी लगता है तो कुछ को सीरियस। आज भी गांव के स्कूलों में लड़के-लड़कियों को अलग-अलग बैठाया जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति पैदा होना स्वाभाविक है|
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