विधान परिषद की नाशिक स्नातक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने वाले सत्यजीत तांबे को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि वे भाजपा में जाएंगे या कांग्रेस के साथ जाएंगे? इस सवाल का जवाब खुद सत्यजीत तांबे ने दे दिया है। उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे और आगे भी निर्दलीय ही रहेंगे। नाशिक में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सत्यजीत तांबे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का नाम न लेते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीदवारी नहीं मिले, इसके लिए प्रयास किए गए। हमारे परिवार को बदनाम करने के लिए जानबूझकर षडयंत्र रचा गया, हमें गलत एबी फॉर्म दिए गए। इन आरोपों पर नाना पटोले ने कहा कि उनके पास भी बहुत सारा मसाला है और समय आने इसका खुलासा करेंगे।
मेरे पिता का नाम दिल्ली से घोषित क्यों: महाराष्ट्र की किसी भी विधान परिषद के उम्मीदवार का नाम दिल्ली से घोषित नहीं हुआ, अमरावती में जो चुनकर आए हैं, क्या उनका नाम दिल्ली से आया था? नागपुर में जो चुनकर आए थे, क्या उनका नाम भी दिल्ली से घोषित किया गया था? फिर मेरे पिता का नाम दिल्ली से घोषित क्यों किया गया, यह पूरी तरह एक साजिश का हिस्सा है। यह एक स्क्रिप्टेड कहानी थी। यह कहानी बाला साहेब थोरात को परेशानी में डालने, सत्यजीत तांबे को उम्मीदवारी नहीं मिल सके और हमारे परिवार को पार्टी से बाहर निकालने के लिए थी। सत्यजीत तांबे ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए हमें कई शिक्षक संगठनों ने समर्थन दिया। ऐसे में आगामी समय में मैं निर्दलीय के रूप में काम करुंगा। मैं कांग्रेस में हूं , लेकिन विधायक के रूप में भविष्य में निर्दलीय ही रहूंगा।
कांग्रेस ने आरोपों को बताया गलत: इधर कांग्रेस ने सत्यजीत तांबे के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि नाशिक स्नातक सीट पर प्रत्याशी को कांग्रेस ने कोरे एबी फार्म भेजे थे। भेजे गए कोरे एबी फॉर्म सही थे। इस एबी फॉर्म को मिलने के लिए ओके का संदेश विधानमंडल में कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात के ओएसडी सचिन गुंजाल ने मोबाइल पर भेजा था। ऐसे में सत्यजीत तांबे के सारे आरोप गलत है।
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