उद्धव ठाकरे के हाथ से धनुष बाण निकल गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि उद्धव ठाकरे की अब आगे की रणनीति क्या होगी? इसके लिये उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस बात का आज निर्णय हो सकता हो सकता है। बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने आज अपने सांसदों और विधायकों की बैठक लेने वाले हैं। जिसमें यह फैसला किया जाएगा कि आगे सुप्रीम कोर्ट में जाना है की नहीं।
छीन जायेगी उद्धव से मशाल: इस बीच बड़ी खबर यह है कि चुनाव आयोग द्वारा उद्धव गुट को उपचुनाव के लिए दिए गए चुनाव चिन्ह मशाल को वापस लिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पुणे में होने वाले दो उपचुनाव के बाद के बाद मशाल चुनाव चिन्ह में शिवसेना से छीन जाएगा। पुणे के कसबा पथ और चिंचवड़ विधानसभा सीट पर उप चुनाव 26 फरवरी को होने हैं। बता दें कि अँधेरी में पिछले साल हुए उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने विकल्प के रूप में शिंदे गुट को बालासाहेबची शिवसेना ( बालासाहेब की शिवसेना) और ढाल तलवार आवंटित किया था। जबकि उद्धव गुट को उद्धव बालासाहेबची शिवसेना ( उद्धव बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था। वहीं, चुनाव चिन्ह मशाल आवंटित किया गया था।
मातोश्री पर शिवसैनिकों की भीड़: बताया जा रहा है कि मातोश्री पर एक बैठक बुलाई गई है। कहा गया है कि शिवसेना के सांसद और विधायक मुंबई के लिए रवाना हों। शुक्रवार को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अब समय आ गया है कि नरेंद्र मोदी लाल किला से ऐलान करें की देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। अब उसे श्रद्धांजलि दी जा रही है। उन्होंने इस दौरान साफ़ किया था कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं शनिवार को मातोश्री पर शिवसैनिकों की भीड़ जुटी हुई है।
नए नाम और चिन्ह से करें शुरुआत: इस विवाद पर शरद पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे नए नाम और निशान के साथ शुरुआत करें। शरद पवार के अनुसार नाम और निशान जाने के बाद एक दो माह चर्चा होगी। बाद में उसे जनता स्वीकार कर लेगी। बता दें कि इंदिरा गांधी भी नाम और निशान को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने नए नाम और निशान के साथ शुरुआत की थी।
राज ठाकरे का उद्धव पर तंज: वहीं, इस घटना पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया ने शुक्रवार को एक ट्विट किया। जिसमें बाला साहेब ठाकरे का आडियो क्लिप है। इसमें एक लाइन मराठी में लिखा गया है कि बाला साहेब का शिवसेना को दिया गया यह विचार कितना अचूक था,यह एक बार फिर पता चला। इस ऑडियो क्लिप में बाला साहेब यह कहते नजर आ रहे है कि नाम और पैसा .. पैसा आता पैसा जाता है ,पैसा फिर आता है। लेकिन एक बार नाम जो गया, वह फिर कभी नहीं आता है। यह आ नहीं सकता है। काला बाजार में भी नहीं मिलता। इसलिए इसे संभाल कर रखो, बनाकर रखो।
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