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Sunday, September 22, 2024
होमदेश दुनियाभव्य राम मंदिर में इस तारीख को विराजेंगे रामलला, PM मोदी रहेंगे मौजूद? 

भव्य राम मंदिर में इस तारीख को विराजेंगे रामलला, PM मोदी रहेंगे मौजूद? 

22 जनवरी 2024 में गर्भगृह में रामलला की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही राम मंदिर को भी भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।   

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर जारी है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि 22 जनवरी 2024 में गर्भगृह में रामलला की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही राम मंदिर को भी भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में गर्भगृह निर्माण और रामलला की स्थापना पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का निर्माण कर लिया जाएगा। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पीएम मोदी के भी उपस्थित रहने की बात कही जा रही है।

भक्तों के लिए भी खोल दिया जाएगा: गौरतलब है कि राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में रामलला और गर्भगृह के निर्माण पर गहरा विचार विमर्श किया गया। जिसके बाद यह बताया गया कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसी के साथ राम मंदिर को भक्तों के लिए भी खोल दिया जाएगा। वहीं राम मंदिर निर्माण का कार्य जोर शोर से शुरू है। यहां रात दिन निर्माण कार्य जारी है। समिति ने यह तय किया है कि गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाए।
गर्भगृह में पहुंचने के लिए 36 सीढ़ियां: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने कहा है कि अक्टूबर तक रामलला की मूर्ति और दिसंबर तक गर्भगृह को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भूतल पर केवल रामलला ही विराजमान होंगे। प्रथम तल पर राम दरबार होगा, जबकि दूसरा तल खाली रखा जाएगा। गर्भगृह में पहुंचने के लिए 36 सीढ़ियां होगी। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी उपस्थित रहेंगे।इस संबंध में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी रामलला की मूर्ति को स्थापित करेंगे।
मूर्ति की ऊंचाई 5 फीट से ज्यादा होगी:बता दें कि, राम मंदिर में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति का निर्माण करने के लिए नेपाल से शालिग्राम के पत्थरों से किया जाएगा। भगवान राम की मूर्ति की ऊंचाई 5 फीट से ज्यादा होगी। इस मूर्ति की ऊंचाई इस तरह से चुनी गई है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे भगवान राम के माथे पर पड़ेंगी। इन मूर्तियों का निर्माण अयोध्या में ही  राम मंदिर परिसर में किया जा रहा है।
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