भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर, 2023 को आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया। अंतरिक्ष यान पिछले आठ दिनों से सूर्य की ओर यात्रा कर रहा है। इस अंतरिक्ष यान को सूर्य की सबसे ऊपरी परत यानी कोरोना का अध्ययन करने के लिए भेजा गया है। इस अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान में सात अलग-अलग उपकरण (पेलोड) लगाए गए हैं। इसरो ने पृथ्वी के वायुमंडल पर सौर तूफानों के प्रभाव, सूर्य के तापमान, पृथ्वी पर यूवी किरणों के प्रभाव, ओजोन परत और अंतरिक्ष में मौसम का अध्ययन करने के लिए यह सौर मिशन शुरू किया है।
इस बीच भारत के इस सौर अभियान को लेकर अहम जानकारी सामने आई है|आदित्य एल-1 ने तीसरी बार पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा बदली है। अंतरिक्ष यान अब 296 किमी X 71767 किमी की अण्डाकार कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। प्रारंभ में, अंतरिक्ष यान 245 किमी X 22459 किमी की कक्षा से गुजर रहा था। 5 सितंबर को आदित्य ने अपनी कक्षा बदल ली| उसके बाद अंतरिक्ष यान पिछले पांच दिनों से 282 किमी X 40225 किमी की कक्षा में घूम रहा था। अब इस अंतरिक्ष यान ने तीसरी बार अपनी कक्षा बदली है|
Aditya-L1 Mission:
The third Earth-bound maneuvre (EBN#3) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 296 km x 71767 km.… pic.twitter.com/r9a8xwQ4My
— ISRO (@isro) September 9, 2023
प्रक्षेपण के चार दिन बाद (5 सितंबर) आदित्य एल-1 ने दूसरी बार सफलतापूर्वक अपनी कक्षा बदली। फिर आज सुबह 2 बजे के बीच आदित्य एल-1 ने तीसरी बार कक्षा बदली। कक्षा परिवर्तन ऑपरेशन के दौरान इसरो अंतरिक्ष यान को बैंगलोर और पोर्ट ब्लेयर के उपग्रहों द्वारा ट्रैक किया गया था। अब 15 सितंबर को अंतरिक्ष यान चौथी बार अपनी कक्षा बदलेगा|
इस बीच, आदित्य एल-1 ने बताया कि कक्षा बदलने से पहले पूरा अंतरिक्ष यान ठीक था। पृथ्वी और चंद्रमा के साथ एक सेल्फी भी भेजी। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष यान पर लगे सभी कैमरे ठीक से काम कर रहे हैं। इससे जुड़ा एक वीडियो इसरो ने शेयर किया है| इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष यान फरवरी 2024 में एल-1 पर पहुंचेगा।
भारत की सौर मिशन योजना के अनुसार, अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसके बाद यह सूर्य की कक्षा में प्रवेश करेगा और सूर्य की ओर गति करेगा। आदित्य अंतरिक्ष में बिंदु एल-1 तक यात्रा करना चाहता है। यह बिंदु पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इस बीच आजतक की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान अब तक 72 हजार किलोमीटर तक का सफर तय कर चुका है|
यह भी पढ़ें-