कृषि मंत्री रहते हुए महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता ने जीवन भर किसानों के नाम पर ही राजनीति की|वह कई वर्षों तक केंद्र में कृषि मंत्री रहे। लेकिन, उन्होंने किसानों के लिए क्या किया”, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार का नाम लेने से बचते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा। शरद पवार ने आज शनिवार को इसका जवाब दिया है| वे यशवंतराव चव्हाण केंद्र में मीडिया से बातचीत के दौरान आज प्रधानमंत्री के सवालों का जवाब दे रहे थे।
शरद पवार ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के बाद कृषि विभाग में मेरी भागीदारी को लेकर कुछ मुद्दे उठाए, लेकिन, प्रधानमंत्री एक संवैधानिक पद है| मैं समझता हूं कि संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए| मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए| मोदी द्वारा दी गई जानकारी वास्तविकता से बहुत दूर है।
शरद पवार ने कहा “2004 से 2014 तक, मैं कृषि मंत्री था। 2004 में, देश में भोजन की कमी थी। इसलिए पहले ही दिन मैंने एक कड़वा निर्णय लिया और अमेरिका से गेहूं आयात करना शुरू कर दिया। मैंने दो दिन तक उस फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किये। तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का फोन आया| उन्होंने मुझसे कहा कि 3 से 4 हफ्ते तक हमें दिक्कत हो सकती है| इसलिए मैंने हस्ताक्षर कर दिए”।
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