तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने आगामी राज्यसभा(Rajysabha) चुनाव के लिए चार नामों की घोषणा की है। इसमें इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पत्नी सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीम उल हक और ममता बाला ठाकुर का नाम शामिल है। टीएमसी ने यह ऐलान एक्स सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर किया है। यह पोस्ट टीएमसी के आधिकारिक एक्स हैंडल से किया गया है।
पोस्ट में लिखा है कि ” हमें यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है किसागरिका घोष, सुष्मिता देव मोहम्मद नदीम उल हक और ममता बाला ठाकुर आगामी राज्य सभा चुनाव लड़ेंगे। हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे हर भारतीय के अधिकारों के लिए अदम्य भावना और टीएमसी की स्थायी विरासत को बनाये रखने की दिशा में काम करेंगे।”
पत्रकार सागरिका घोष
गौरतलब है कि. चार नामों में पत्रकार सागरिका घोष का नाम चौंकाने वाला है। सागरिका घोष लंबे समय से मीडिया से जुडी रही हैं। वे इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पत्नी हैं। उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया, आउटलुक, इंडियन एक्सप्रेस सहित कई टीवी चैनलों में भी काम किया है सीएनएन आईबीएन की प्राइम टाइम एंकर थीं। विकिपीडिया के अनुसार, सीएनएन आईबीएन को रिलायंस समूह द्वारा अधिग्रहण किये जाने के बाद सागरिका घोष ने 2013 में सीएनएन आईबीएन से अलग हो गई थी। माना जा रहा है कि, इन्हीं राजनीति द्वंदों के चलते ममता बनर्जी ने सागरिका घोष का चयन किया है।
सुष्मिता देव कौन
सुष्मिता देव की बात करें तो उन्हें टीएमसी ने दोबारा राज्यसभा भेज रही है। सुष्मिता देव ने 2021 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सुष्मिता देव ने 15 अगस्त को कांग्रेस आलाकमान को अपना इस्तीफा भेजा था। उसके बाद वे टीएमसी का दामन थाम लिया था। सुष्मिता देव कांग्रेस पार्टी से असम की सिलचर सीट से सांसद रही हैं। उन्होंने इस सीट पर जीत 2014 में की थी। सुष्मिता देव मूल रूप से बंगाली हैं। उन्हें टीएमसी ने 2021 में राज्य सभा सदस्य बनाया था। 51 वर्षीय सुष्मिता देव को टीएमसी एक बार फिर राज्यसभा भेजेगी।
मोहम्मद नदीम उल हक
मोहम्मद नदीम उल हक को टीएमसी तीसरी बार राज्यसभा भेज रही है। मोहम्मद नदीम उल हक ने तीसरी बार राज्यसभा भेजे जाने पर ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का धन्यवाद किया है।
ममता बाला ठाकुर
ममता बाला ठाकुर 2015 में हुए उपचुनाव में टीएमसी की ओर से चुनाव लड़ा था और वे जीत कर लोकसभा पहुंची थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार से हार गई थीं। विकिपीडिया के अनुसार, वे मतुआ महासंघ समुदाय की मतुआ महा धार्मिक मां है। वे पांचवीं तक की पढ़ाई की हैं। बंगाल में यह समुदाय 70 सीटों पर हार जीत तय करता है। बता दें कि 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को होना है।
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