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Thursday, December 26, 2024
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मुस्लिम वोटों की कीमत गोवंश की हत्या से चुकाएगी कांग्रेस?  

गोवंश की कुर्बानी को लेकर बच्छाव के पास आ रहा फोन कॉल फ़िलहाल सोशल मिडिया पर वायरल हुआ है| 

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बकरीद के दिन मालेगांव में बड़ी संख्या में पुलिस ने कुर्बानी के लाये गए गोवंश को जप्त किया| वही नगर सेवक के भाई अब्दुल लतीफ़ डॉन की ओर से गोवंशों की कुर्बानी के लिए लोकसभा सांसद शोभा बच्छाव से गुहार लगायी|गोवंश की कुर्बानी को लेकर बच्छाव के पास आ रहा फोन कॉल फ़िलहाल सोशल मिडिया पर वायरल हुआ है| 

इस ऑडियो में अब्दुल, सांसद शोभा बच्छाव से उनके लिए किये चुनावी प्रचार और जीत के लिए मुस्लिम मतदारों द्वारा किए योगदान का वास्ता देते दिख रहे है। इस ऑडियो में अब्दुल,”…हमने तुम्हारे लिए इतनी कोशिश करके तुमको… छे हलके (क्षेत्र) में से पांच हलके में तुम हार गए थे। मालेगाव में हम बहुत मेहनत और दुआ किये तुम्हारे लिए, तुम्हारे वास्ते रोज़ा रखे जो करना पड़ा करे… और तुमको जीता के लाए।” कहता सुनाई दे रहा है। इसी ऑडियो में अब्दुल की मुस्लिम मतदाताओं द्वारा किए योगदान की बात पर सांसद शोभा बच्छाव हामी भरती दिख रहीं हैं।

असल में शोभा बच्छाव नतीजों के दरम्यान सुभाष भामरे से ५ क्षेत्रों में पिछे दिख रही थीं। अंतिम चरण में मालेगाव से 1,98,000 वोटों के साथ उन्होंने सुभाष भामरे से मात्र ३८०० वोटों की मामूली बढ़त के साथ जीत दर्ज की, ऑडियो में अब्दुल इसी का जिक्र कर रहा है।

आगे अब्दुल अपने “एक करोड़ का माल जानवर” पुलिस द्वारा जप्त किया है और इसे एसपी से छुड़वाने की गुहार लगाते दिख रहा है। साथ ही साथ सांसद शोभा बच्छाव ने जानवरों को छुड़वाने के लिए पुलिस प्रशासन से उनकी चल रहीं बात का भी जिक्र किया है। कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिस द्वारा जप्त किए गए गोवंश जिनकी कुर्बानी प्रतिबंधित है।

भाजपा महाराष्ट्र ने अपने ट्विटर हैंडल से इस ऑडियो को प्रसारित करते हुए लिखा है, “गौ हत्या पर कांग्रेस का समर्थन…धुले से लोकसभा सांसद शोभा बच्छाव का गोहत्या के लिए प्रशासन पर दबाव विफल रहा, लेकिन क्या यह वोट जिहाद कि कीमत है? जनता अब हिंदुओं की भावनाओं को चुनौती देते हुए वोट के लिए धार्मिक तुष्टिकरण के कांग्रेस के एजेंडे को पहचान चुकी है”|

इस घटना पर कांग्रेस का अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वही दूसरी ओर धुले के चुनावी नतीजों को देखकर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कांग्रेस को गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

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