उत्तराखंड के एक गांव में एक ही जगह पर रसल वाइपर इस एशिया खंड की सबसे जहरीली प्रजाति के बच्चे मिले है। इस घटना के बाद से पुरे प्रदेश में हड़कंप माच गया है। रेस्क्यू के दरम्यान अब तक मादा सर्प नहीं मिली है। इस सर्प जाती की मादा एक समय में 30 से 35 बच्चे देती है, जिस वजह से गांव ही नहीं बल्की वन विभाग के रेंजर्स और इसे पकड़ने वाले सर्पमित्र भी हैरान है।
दरसल मामला उत्तराखंड के विकासनगर के ढकरानी गांव का है। जहां एक घर में एक ही जगह पर रसल वाइपर प्रजाति के 26 सांप देखे गए। गांव वालों ने पहले इसे अजगर के बच्चे समझ लिया था। थोड़ी देर में वन विभाग और रेस्क्यूअर ढकरानी में आए तो उनकी भौहें खड़ी हो गई। आप को बता दें, रसल वाइपर उत्तराखंड के इलाके में पाया जाने वाले सांप की प्रजाति नहीं है। साथ ही रसल वाइपर के काटने से पीड़ित का शरीर तुरंत पैरालाइज हो जाता है, अगर मरीज को तुरंत अस्पताल नहीं ले जाया गया तो उसकी दर्दनाक मौत भी हो सकती है।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सर्पमित्र की टीम ने कहा, यह दुनिया के उन गिनेचुने सांपों में शुमार है जो अंडे नहीं बच्चे देते है। साथ ही ये एशिया के सबसे जहरीले सांप है। यह साप बाकी सापों से ज्यादा गुस्सैल और आक्रमक स्वाभाव के होते है। फ़िलहाल यह अपने प्राकृतिक वाससे दूर होने के कारण यह चिंता का विषय है। साथ ही वन विभाग के अधिकारी ने इन सांपो के रेस्क्यू के बाद उन्हें उनके प्राकृतिक वास घने जंगल में छोड़ने की जानकारी दी।
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