दिल्ली के तिहाड जेल में उम्रकैद की साज काट रहे यासिन मलिक ने युएपीए कोर्ट में हलफनामा दिया जिसमें उसने काही है कि उसने आतंकवाद को छोडकर गांधीवाद कि राह पकडली है। जम्मू कश्मीर लिबररेशन फ़्रंट इस गैर क़ानूनी संगठन के संस्थापक यासीन मालिक ने इसमें कबुला है की वो पहले जम्मू कश्मीर को स्वतंत्र देश बनाने के लिए आतंकी गतिविधिओं में शामिल था।
वहीं यासीन मालिकने दावा किया है की, जम्मू कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए उसने आतंकी राह छोड़ गांधीवाद अपनाया है। बता दें की, यासीन मालिक ने यासीन ने 1988 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ-वाई बनाया था। इसी संगठन के माध्यम से 1990 में आतंकवादियों के साथ मिलकर श्रीनगर के रावलपुरा में भारतीय वायुसेना के चार जवानों की हत्या की थी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी के रूप में प्रत्यक्षदर्शियों ने यासीन की पहचान की थी। साथ ही NIA के कोर्ट ने यासीन मालिक पर आतंकी फंडिंग के आरोप सिद्ध कर दोषी ठहराया और उसे उम्रकैद की सजा दी गई।
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इसी बीच यूएपीए के न्यायाधिकरण को दिए अपने हलफनामे में मलिक ने दावा किया कि उसने 1994 में “संयुक्त स्वतंत्र कश्मीर” की स्थापना का लक्ष्य पाने के मकसद से जेकेएलएफ-वाई जरिए सशस्त्र संघर्ष की राह छोड़ दी। अब अपने विरोध के लिए उसने गांधीवादी तौर तरीका अपना रहा है।