बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से बुधवार (19मार्च) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले के मामले में पूछताछ की। उनके साथ उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी ईडी कार्यालय पहुंचीं।
इससे पहले मंगलवार (18 मार्च) को इसी मामले में लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप यादव से पूछताछ की गई थी। ईडी अधिकारियों ने करीब चार से पांच घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए। इस मामले में लालू यादव के अन्य परिवारजनों से भी पूछताछ की जा सकती है। लालू यादव के ईडी कार्यालय पहुंचते ही बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता वहां जुट गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा, “ईडी जिन मामलों में समन भेज रही है, वे पहले ही सीबीआई की जांच में बंद हो चुके थे। जब भी चुनाव आते हैं, एजेंसियां पुराने मामलों को फिर से खोलकर समन भेज देती हैं। यह पूरी तरह से चुनावी कार्रवाई है।”
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यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री (2004-2009) रहने के दौरान कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियां देने के बदले लालू परिवार और उनके करीबियों ने कई जमीनें बेहद कम कीमतों पर अपने नाम करवाईं। सीबीआई इस मामले की आपराधिक जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू से इसकी पड़ताल कर रही है।
राजद का कहना है कि भाजपा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं, भाजपा का दावा है कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं और कानून के तहत कार्रवाई कर रही हैं।