मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत का हिंदुवादी नजरिया फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों को जरा भी नहीं सुहा रहा है। अब फिल्म गीतकार-लेखऱ जावेद अख्तर कंगना को पासपोर्ट से मिलने से रोकने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। अपने पासपार्ट नवीनीकरण को लेकर कंगना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जहां केंद्र सरकार ने कहा है कि हम उनके आवेदन की गलतियों को दुरुरस्त किए जाने के बाद पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए तैयार हैं। इस बीच इस काम में रुकावट डालने के लिए जावेद अख्तर ने हाईकोर्ट में आवेदन दाखिल कर दावा किया है कि कंगना ने हाईकोर्ट के सामने सही तथ्य नहीं रखे हैं, इस लिए उन्हें भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार दिया जाए। गीतकार जावेद अख्तर ने बांबे हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया है कि फिल्म अभिनेत्री कंगना ने अपने पासपोर्ट के शीघ्रता से नवीकरण से जुड़ी याचिका में अदालत से कुछ तथ्य छिपाए है। ताकि वे अदालत से अपने पक्ष में आदेश हासिल कर सके।
आवेदन में गीतकर अख्तर ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उन्हें भी कंगना की याचिका में हस्तक्षेप करने की इजाजत दी जाए। कंगना फिल्म की शूटिंग के लिए हगरी जानी चाहती है। इसलिए उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया था कि क्षेत्रिय पासपपोर्ट कार्यालय को शीघ्रता से उनके पासपोर्ट के नवीनीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया जाए। 28 जून को एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा था कि कंगना के पासपोर्ट के नवीनीकरण से जुड़ा आवेदन अस्पष्ट है। क्योंकि इसमें साफ तौर पर यह जानकारी नहीं दी गई है कि रनौत के खिलाफ कौन से आपराधिक मामले प्रलंबित है। इस पर कंगना के वकील रिजवान सिद्दकी ने कहा कि था कि मेरे मुवक्किलल के खिलाफ सिर्फ दो एफआईआर दर्ज है। जिसको लेकर अभी आपराधिक मुकदमे की शुरुआत नहीं हुई है। एक एफआईआर नफरत फैलानेवाले ट्विट को लेकर बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज है जबकि एक एफआईआर दिद्दा दि वरियर क्वीन आफ कश्मीर नामक के किताब के लेखक ने कापीराइट नियमों के उल्लंघन को लेकर दर्ज कराई गई है। लेकिन अख्तर ने आवेदन में दावा किया है कि उन्होंने भी रनौत के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत कोर्ट में दर्ज कराई है। इस शिकायत से जुड़ी कार्यवाही अभी अंधेरी कोर्ट में प्रलंबित है। जिसका रनौत ने अपनी याचिका में खुलासा नहीं किया है। इसलिए उन्हें कंगना की याचिका में हस्तक्षेप करने की इजाजत दी जाए। अपनी याचिका में रनौत ने कापीराइट के नियमों को उल्लंघन को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को भी रद्द करनेकी मांग की है।