भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार (25मई) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अब भारत से केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही आर्थिक दृष्टि से आगे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि भारत अपनी मौजूदा रणनीतियों और योजनाओं पर अमल जारी रखता है तो अगले 2 से 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
IMF के अप्रैल 2025 वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 4,187 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि जापान की जीडीपी 4,186 अरब डॉलर बताई गई है—जो भारत से थोड़ा कम है।भारत की विकास दर वर्ष 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% रहने की संभावना है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है। इसकी तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 में केवल 2.8% और 2026 में 3% की दर से बढ़ने की संभावना जताई गई है।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा, “भारत अब एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। हमारे पास तीव्र और सतत विकास की पूरी क्षमता है। आने वाले वर्षों में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने यह बातें नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के बाद साझा कीं। इस बैठक में भारत के विकास को गति देने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच कई प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हुई।
बैठक में जिन क्षेत्रों पर विशेष रूप से चर्चा की गई, उनमें शामिल हैं:
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मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण)
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सेवाएं
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ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र
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शहरी और असंगठित अर्थव्यवस्था
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हरित और परिपत्र अर्थव्यवस्था (ग्रीन व सर्कुलर इकोनॉमी)
भारत की यह उपलब्धि न केवल उसकी आर्थिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका और प्रभाव को भी रेखांकित करती है। यदि विकास की यही गति बनी रही, तो जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन सकता है।
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