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Monday, May 19, 2025
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भारत पाकिस्तान तनाव, शेयर मार्केट पर गिरा असर

तकनीकी संकेतों की बात करें तो निफ्टी प्रमुख मूविंग एवरेज के करीब बना हुआ है, जिससे इसमें और गिरावट की आशंका जताई जा रही है।

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव का असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर देखा गया। सप्ताह के आखिरी दिन बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए, जिससे निवेशकों में चिंता और अनिश्चितता की लहर दौड़ गई। बिकवाली का दबाव हर सेक्टर में देखने को मिला, जिससे व्यापक बाजार भी नहीं बच पाए।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1.30 प्रतिशत गिरकर 79,454.47 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.39 प्रतिशत टूटकर 24,008 पर आ गया। मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांक भी क्रमशः 0.90 प्रतिशत और 2.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

सबसे अधिक दबाव रियल एस्टेट, बैंकिंग, फार्मा और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर पर देखने को मिला, जहां शेयरों में 2 से 6 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, ऑटो और मीडिया सेक्टरों ने थोड़ी बहुत मजबूती दिखाई और व्यापक गिरावट को आंशिक रूप से संतुलित किया।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक अजीत मिश्रा ने कहा कि “अगला सप्ताह बाजारों के लिए निर्णायक हो सकता है। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच किसी भी तरह के घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी जाएगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और व्यापार से जुड़े आंकड़े बाजार की दिशा तय कर सकते हैं।

तकनीकी संकेतों की बात करें तो निफ्टी प्रमुख मूविंग एवरेज के करीब बना हुआ है, जिससे इसमें और गिरावट की आशंका जताई जा रही है। मिश्रा के अनुसार, “निफ्टी के लिए 23,800 तत्काल समर्थन स्तर है। यदि यह टूटता है तो सूचकांक 23,200 की ओर जा सकता है। वहीं ऊपर की ओर 24,400 से 24,600 का स्तर मजबूत प्रतिरोध का काम करेगा।”

विश्लेषकों ने मौजूदा हालात में निवेशकों को आक्रामक रणनीति से बचने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उनका मानना है कि भू-राजनीतिक तनावों के बीच बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, इसलिए बेहतर होगा कि निवेशक व्यक्तिगत शेयरों की गुणवत्ता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के आधार पर ही निर्णय लें।

बाजार फिलहाल असमंजस की स्थिति में है—जहां एक तरफ सीमाओं पर तनाव है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों के पोर्टफोलियो पर दबाव। आने वाले सप्ताह में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बाजार इस दबाव से उबरने का रास्ता तलाशता है या गिरावट का सिलसिला और तेज होता है।

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