भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को गहरी मार दी है। साथ ही दुनिया का सामने इस बात का खुलासा कर दिया है की पाकिस्तान आतंकवाद का पोषणकर्ता देश है। इस पिटाई के बाद पाकिस्तान ने एक नई साजिश को अंजाम देने की कोशिश की है, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर भारतीय समाज में भ्रम और असुरक्षा का माहौल पैदा करने की रणनीति अपनाई है। पाकिस्तान का उद्देश्य भारतीय सिख समुदाय में विश्वास की कमी और धार्मिक उन्माद फैलाने का है, ताकि उसकी योजनाओं को सफल किया जा सके।
9 और 10 मई की मध्यरात्रि को भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों का कड़ा जवाब दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के तीन प्रमुख एयरबेस—नूर खान (रावलपिंडी), मुरिद (चकवाल), और रफीकी (झंग, पंजाब प्रांत)—को निशाना बनाया।
इसके जवाब में पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक हैरान कर देने वाला दावा किया कि भारत ने आदमपुर एयरबेस से छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक आदमपुर में ही गिरी और बाकी पांच अमृतसर में गिरीं। यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद और मनगढ़ंत है, जिसका उद्देश्य सिख समुदाय में डर और असंतोष फैलाना है ताकि कुछ तत्व पाकिस्तान के साथ सहानुभूति रखें।
Shocking News
India Fired 6 Ballistic Missiles of which 5 Hit Indian Punjab
Why are Sikhs Target ? pic.twitter.com/bs1lJYV8Y6
— Dr. Qamar Cheema (@Qamarcheema) May 9, 2025
पाकिस्तान लंबे समय से भारत पर स्वार्म ड्रोन और मिसाइलों से हमले करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने हर बार उसे करारा जवाब दिया है। हाल ही में पाकिस्तान ने भारत की राजधानी दिल्ली की ओर फतेह-2 बैलिस्टिक मिसाइल दागने की कोशिश की थी, जिसे हरियाणा के सिरसा में ही इंटरसेप्ट कर गिरा दिया गया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर सीधी कार्रवाई कर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान अब सिख समुदाय को भड़काने के लिए खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्थन दे रहा है। खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर पाकिस्तान खालिस्तान की मांग का समर्थन करता है, तो पंजाब के सिख भारत की सेना को पाकिस्तान पर हमला करने से रोक देंगे। यह बयान पाकिस्तान की साजिश को बेनकाब करता है कि वह कैसे धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर भारत में अस्थिरता फैलाना चाहता है।
पाकिस्तान ने लंबे समय से खालिस्तानी आतंकियों को संरक्षण दिया है। 2013 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर ने पाकिस्तान में जाकर बींत सिंह की हत्या के दोषी और खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा से मुलाकात की थी। तारा 2004 में जेल से सुरंग खोदकर भाग निकला था और उसके बाद से पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है।
भ्रामक प्रचार में क्रिकेटर भी शामिल
पाकिस्तान की यह रणनीति केवल सैन्य और राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं है। अब उसके पूर्व क्रिकेटर भी भ्रामक बयान दे रहे हैं। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कोच मोहम्मद यूसुफ ने एक पोस्ट में भारत सरकार पर झूठा आरोप लगाते हुए लिखा, “RSS-समर्थित भारतीय सरकार एक आतंकी इकाई की तरह है, जो अपने ही नागरिकों, खासकर सिखों और मुसलमानों को दबा रही है।” यह बयान भी उसी प्रोपेगेंडा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सिखों में असंतोष और भ्रम फैलाना है।
पाकिस्तान की साजिशें नई नहीं हैं। 2020 में करतारपुर कॉरिडोर खुलने के एक दिन बाद ही पाकिस्तानी प्रशासन ने एक प्रदर्शनी लगाई जिसमें दावा किया गया कि 1971 में भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे पर बम गिराया था। बम को एक शीशे के बॉक्स में रखकर उस पर लिखा गया “वाहेगुरु जी का चमत्कार।” यह भी एक प्रयास था सिखों में भारत विरोधी भावनाएं भड़काने का।
भारत में सिख समुदाय के खिलाफ झूठे प्रचार, खालिस्तानी आतंकियों को संरक्षण और धार्मिक स्थलों को लेकर झूठी कहानियां गढ़ने की पाकिस्तान की कोशिशें यह स्पष्ट करती हैं कि वह भारत की आंतरिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
इन झूठे और भड़काऊ बयानों से सावधान रहना ज़रूरी है, क्योंकि पाकिस्तान की ये साजिशें भारत की एकता को कमजोर करने का प्रयास हैं। भारत को न केवल अपने सीमाओं पर सतर्क रहना है, बल्कि अंदरूनी तौर पर भी इस डिजिटल और मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करना है। पाकिस्तान की ये हरकतें उसकी बौखलाहट और कायरता को दर्शाती हैं — और भारत इनके सामने पूरी मजबूती से डटा हुआ है।