प्रशांत कारुलकर
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में निवेश करने और उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए नॉर्डिक-बाल्टिक क्षेत्र की कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा है कि नॉर्डिक-बाल्टिक क्षेत्र भारतीय उत्पादों के लिए एक नए संभावित बाजार के रूप में उभर रहा है, जिसमें क्षेत्र में निर्यात 2018-19 से 2022-23 के बीच 39% से अधिक बढ़ गया है।
गोयल ने बुधवार को नई दिल्ली में सीआईआई इंडिया नॉर्डिक-बाल्टिक बिजनेस कॉन्क्लेव 2023 को संबोधित करते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि आप (नॉर्डिक क्षेत्र) भारत में उत्पादन करें और उन बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाएं जो भारत प्रदान करता है। भारतीय बाजार आपको बढ़ने में मदद कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “नॉर्डिक-बाल्टिक देशों के पास सर्वश्रेष्ठ नवाचार, हरित तकनीक, एआई और ब्लॉकचैन-संचालित परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला रसद और फिनटेक हैं, और ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत के साथ सहयोग की एक बड़ी गुंजाइश है।”
भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, “हम यूरोपीय संघ और ईएफटीए दोनों के साथ सक्रिय रूप से एफटीए को आगे बढ़ा रहे हैं, जो काफी हद तक संभव है। इस प्रयास का उद्देश्य न केवल वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार का विस्तार करना है, बल्कि पर्यटन, प्रौद्योगिकी, नवाचार और हरित ऊर्जा में नए अवसरों का पता लगाना है, भारत की विकास गाथा को एआई और ब्लॉकचैन पर ध्यान केंद्रित करना है।” गोयल ने नॉर्डिक-बाल्टिक कंपनियों को आगामी व्यापार मेलों जैसे भारत मोबिलिटी और भारतटेक्स में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया, जो अगले साल (2024) क्रमशः 1 फरवरी और 26 फरवरी से शुरू होने वाले हैं। उनके अनुसार, भारतटेक्स में 40 से अधिक देशों के 3,500 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे। इस कदम का उद्देश्य भारत को वैश्विक निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना और देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाना है।
नॉर्डिक-बाल्टिक क्षेत्र में निवेश के लाभ
नॉर्डिक-बाल्टिक क्षेत्र में निवेश भारत के लिए कई लाभ ला सकता है।
नई प्रौद्योगिकी और कौशल का हस्तांतरण: नॉर्डिक-बाल्टिक देश नवाचार और प्रौद्योगिकी में अग्रणी हैं। उनके निवेश से भारत को इन क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रोजगार सृजन: नॉर्डिक-बाल्टिक कंपनियों के भारत में निवेश करने से भारत में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
आर्थिक विकास को बढ़ावा: नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और देश को विश्व में एक बड़ी शक्ति बनाने में मदद मिलेगी।
भारत के परिवर्तन में नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश की भूमिका
नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश भारत के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में देश को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में वृद्धि हुई है।
नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, देश में स्मार्ट सिटी बनाने और हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। ये निवेश भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में भी मदद कर सकते हैं।
किन क्षेत्रों को होगा लाभ?
भारत में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें नॉर्डिक-बाल्टिक देशों के निवेश से काफी लाभ होगा।
निर्माण: भारत में निर्माण क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और यहां कुशल श्रमिकों की कमी नहीं है। नॉर्डिक-बाल्टिक देशों की कंपनियां भारत में अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर सकती हैं और भारत के बड़े बाजार में अपनी पहुंच बना सकती हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी: भारत का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है और यहां कई प्रतिभाशाली आईटी पेशेवर मौजूद हैं। नॉर्डिक-बाल्टिक देशों की आईटी कंपनियां भारत में अपने अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित कर सकती हैं और भारत के आईटी पेशेवरों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं।
अक्षय ऊर्जा: भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और यहां सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की काफी क्षमता है। नॉर्डिक-बाल्टिक देशों की कंपनियां भारत में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश कर सकती हैं और भारत के ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
स्वास्थ्य सेवा: भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं हैं। नॉर्डिक-बाल्टिक देशों की स्वास्थ्य सेवा कंपनियां भारत में अस्पताल, क्लिनिक और मेडिकल कॉलेज स्थापित कर सकती हैं और भारत के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।
नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। इन पहलों के परिणामस्वरूप, भारत में आर्थिक विकास में तेजी आई है।
नॉर्डिक-बाल्टिक निवेश से भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक बढ़ावा देने और देश को विश्व में एक बड़ी शक्ति बनाने में मदद मिलेगी। ये निवेश भारत में गरीबी को कम करने और देश के लोगों के जीवन में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं।
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