चालू वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 191.51 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,414.92 पर और निफ्टी 72.60 अंक या 0.31 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,519.35 पर था।
इस दौरान लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 167.15 अंक या 0.32 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 51,672.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 24.15 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,095 पर बंद हुआ।
हालांकि, इस वित्तीय वर्ष के दौरान निफ्टी ने 5.34 प्रतिशत और सेंसेक्स ने 5.11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, दोनों प्रमुख सूचकांकों ने शानदार प्रदर्शन किया। सेक्टोरल आधार पर फाइनेंशियल सर्विसेज और एफएमसीजी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जबकि ऑटो, आईटी, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में गिरावट रही।
सेंसेक्स में कोटक महिंद्रा बैंक, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, नेस्ले, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, सन फार्मा और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स रहे। वहीं, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, जोमैटो, इन्फोसिस, पावर ग्रिड और टीसीएस टॉप लूज़र्स रहे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी ने कहा, “एफआईआई की ओर से खरीदारी की उम्मीद जारी रहेगी, क्योंकि डॉलर कमजोर होता जा रहा है।”इसके अलावा, ईद के कारण 31 मार्च को शेयर बाजार बंद रहेंगे, और नए वित्त वर्ष 26 की शुरुआत मंगलवार को होगी।
संस्थागत गतिविधि भी बाजार पर असर डाल रही है, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 27 मार्च को 11,111.25 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,517.70 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। शेयर बाजार में इन बदलावों और सक्रियताओं के बीच आगामी वित्तीय वर्ष में निवेशकों की निगाहें वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर रहेंगी।
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