ये उन्नत सुविधाएं अब निम्नलिखित रूप में उपलब्ध हैं:
1. बिजली फ्यूचर्स के लिए ऐतिहासिक दैनिक VWAP (Volume Weighted Average Price) प्रदर्शन
अब बाजार में सक्रिय प्रतिभागी बिजली फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ऐतिहासिक दैनिक वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP) देख सकते हैं। इससे एनएसई वेबसाइट का मौजूदा “Historical Monthly DDR” सेक्शन और अधिक सूचनाप्रद हो गया है। यह फीचर एनएसई द्वारा संकलित डेटा के आधार पर दैनिक मूल्य संकेतक प्रदान करता है।
इस सुविधा के मुख्य लाभ:
- डे-अहेड मार्केट (DAM) में क्लियर हुए वॉल्यूम्स के आधार पर हरे, पारंपरिक और प्रीमियम सेगमेंट्स के लिए दैनिक VWAP डेटा
- वर्ष और माह के अनुसार आसान फ़िल्टर और नेविगेशन
- ट्रेडिंग, हेजिंग, अनुसंधान और नियामक विश्लेषण के लिए अधिक पारदर्शिता और जानकारी
यह फीचर दैनिक मूल्य बेंचमार्क्स को आसानी से सुलभ बनाकर बिजली बाजार में पारदर्शिता बढ़ाता है और डेटा-आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया को सशक्त करता है।
लिंक:
https://www.nseindia.com/historical/historical-reports-historical-monthly-ddr-electricity-futures
2. ELECMBL कॉन्ट्रैक्ट के “Get Quote” पेज पर इंट्राडे प्राइस ग्राफ
रियल-टाइम बाजार की स्थिति को और अधिक प्रभावी रूप से प्रदर्शित करने के लिए, एनएसई ने सभी सक्रिय ELECMBL कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए इंट्राडे प्राइस ग्राफ की सुविधा जोड़ी है।
इस फीचर के मुख्य लाभ:
- ट्रेड प्राइस और वॉल्यूम का वास्तविक समय (रियल-टाइम) ग्राफ प्लॉट
- इंटरैक्टिव टूलटिप्स, ज़ूम और पैन करने की सुविधा
- डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर सुगम और उत्तरदायी डिज़ाइन
- स्वचालित अपडेट्स के साथ लाइव दृश्य
यह सुविधा बाजार की पारदर्शिता को और मजबूत करती है तथा निवेशकों को तेज़ और सटीक निर्णय लेने में मदद करती है।
लिंक:
https://www.nseindia.com/commodity-getquote?symbol=ELECMBL
पहले से प्रस्तुत समेकित सूचना उपकरण:
- ग्रिड-इंडिया द्वारा जारी ग्रिड मांग पूर्वानुमान
- स्रोतवार उत्पादन मिश्रण
- रियल-टाइम इंटर-रीजनल ट्रांसमिशन फ्लो
- टेर्शियरी रिज़र्व्स (TRAS) प्रोजेक्शन
- मौसम-आधारित मांग-आपूर्ति विश्लेषण
- शॉर्ट-टर्म मार्केट लेनदेन सारांश
- बिजली फ्यूचर्स के लिए Historical Monthly DDR
- मासिक बिजली फ्यूचर्स VWAP कैलकुलेटर
- Get Quote पेज पर “i” पॉप-अप में Daily DAM Market Statistics
इन सभी उपकरणों का उद्देश्य बिजली बाजार में मूल्य पारदर्शिता बढ़ाना, डेटा की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करना और विश्लेषण-आधारित निर्णय लेने की क्षमता को सशक्त बनाना है। इससे भारत के बिजली डेरिवेटिव्स इकोसिस्टम को और अधिक मजबूती व स्थिरता प्राप्त होगी।
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