अमृतसर स्थित ठाकुरद्वारा सनातन मंदिर पर 15 मार्च 2025 को हुए ग्रेनेड हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। यह आरोप पत्र मोहाली स्थित विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया।
आरोप पत्र में विशाल गिल उर्फ चूची, भगवंत सिंह उर्फ मन्ना भट्टी और दीवान सिंह उर्फ सनी को हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में शामिल होने के आरोप में आरोपी बनाया गया है। एनआईए के अनुसार, विशाल गिल हमले को अंजाम देने वाले दो बाइक सवारों में से एक था। भगवंत सिंह ने हमलावरों को शरण देने के साथ ही ग्रेनेड छिपाने, मोटरसाइकिल मुहैया कराने और अन्य लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की।
दीवान सिंह उर्फ सनी पर आरोप है कि उसने सह आरोपी को शरण दी और सबूत नष्ट करने में मदद की। वहीं, हमले में शामिल एक अन्य हमलावर, गुरसिदक सिंह उर्फ सिदकी, हमले के दो दिन बाद पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इस मामले में NIA ने 5 सितंबर 2025 को बिहार के गया से एक अन्य प्रमुख आरोपी शरणजीत कुमार को गिरफ्तार किया। उसके अलावा विदेश में बैठे फरार आरोपी बादलप्रीत सिंह के खिलाफ भी जांच जारी है।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि इस हमले के लिए विदेशी ऑपरेटर्स ने यूपीआई और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस) के माध्यम से आतंकी फंडिंग की थी। एजेंसी इस आतंकी मॉड्यूल के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क और अन्य फरार आरोपियों की पहचान करने के प्रयास में लगी हुई है। इस हमले को पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भय और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
NIA ने 11 सितंबर को तीन हथगोले और एक पिस्तौल बरामद की थी। इसके जरिए एक बड़े हथियार और विस्फोटक सिंडिकेट से जुड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ। पूछताछ के बाद शरणजीत कुमार के जरिए पंजाब के बटाला के भामरी गांव से और हथगोले बरामद किए गए। साथ ही, एक .30 बोर की पिस्तौल भी मिली, जिसे उसके विदेशी आकाओं ने पंजाब की शांति और सद्भाव बिगाड़ने के लिए मुहैया कराया था। बरामद हथियारों और विस्फोटकों को फोरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेज दिया गया है।
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