विशेष न्यायाधीश आर. एन. रोकड़े ने बुधवार को शिंदे की जमानत याचिका मंजूर कर ली। मामले के अन्य आरोपियों में अनिल देशमुख और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे शामिल हैं। देशमुख जमानत पर जेल से बाहर हैं। वाझे अभी भी न्यायिक हिरासत में है। अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह के जरिये दायर की गई जमानत अर्जी में शिंदे ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी और उन्हें हिरासत में रखे रहना कानून की प्रक्रिया का ‘घोर दुरूपयोग’ है।
ईडी ने दावा किया है कि सचिन वाझे ने अपने बयान में कहा था कि देशमुख ने उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान शिंदे से मिलवाया था। ईडी के मामले में आरोप लगाया गया है कि देशमुख ने गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वाझे के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये की उगाही की। देशमुख ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि ईडी का पूरा मामला वाजे द्वारा दिए गए दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित है।
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