एनसीपी (अजीत पवार गुट) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई क्राइम ब्रांच को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कैनेडा में हिरासत में लिए गए ज़ीशान अख्तर की शुरुआत में बिश्नोई गैंग से कोई सीधा संबंध नहीं था। उसे गैंग के अहम ऑपरेटिव आकाश चौहान ने न सिर्फ ब्रेनवॉश किया, बल्कि जेल से रिहा कराने में भी भूमिका निभाई।
जांच अधिकारियों के अनुसार, ज़ीशान पहले पंजाब के कुख्यात बंबीहा गैंग से जुड़ा था और एक विश्वसनीय शूटर माना जाता था। लेकिन जब बिश्नोई गैंग ने बाबा सिद्दीकी को टारगेट करने का निर्णय लिया, तो पटियाला जेल में बंद अनमोल बिश्नोई के इशारे पर आकाश चौहान ने ज़ीशान को भर्ती करने की योजना बनाई।
सूत्रों का दावा है कि फरीदकोट जेल में बंद आकाश चौहान ने ज़ीशान की जालंधर जेल से रिहाई सुनिश्चित करवाई। रिहाई के बाद, 7 जून को ज़ीशान सीधे आकाश चौहान से मिला। यहीं पर उसे हत्या की साजिश में शामिल होने के लिए तैयार किया गया। बदले में लाखों रुपये देने का वादा किया गया।
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ीशान ने आकाश चौहान के निर्देश पर शूटर गुरमेल सिंह को हत्या के लिए मुंबई रवाना किया। इसके बाद उसने एक अन्य वांछित आरोपी शुभम लोंकार से संपर्क किया और हत्या की योजना को अंजाम देने की तैयारी शुरू हुई।
मुंबई क्राइम ब्रांच अब आकाश चौहान को केस में औपचारिक आरोपी घोषित करने जा रही है और उसे पंजाब से मुंबई लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चौहान का बिश्नोई गैंग से पुराना और गहरा संबंध रहा है और वह पहले भी कई सुपारी हत्याओं में शामिल रहा है।
इस बीच, मुंबई क्राइम ब्रांच ने ज़ीशान अख्तर को कनाडा से भारत लाने के लिए सीबीआई और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय तेज कर दिया है। अधिकारी मानते हैं कि ज़ीशान की पूछताछ से आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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