देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान IIT बॉम्बे में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक सामने आई है। 14 दिनों तक फर्जी छात्र बनकर संस्थान के अंदर रहा 22 वर्षीय बिलाल अहमद फैयाज अहमद तेली, मेंगलुरु, कर्नाटक का रहने वाला है। उसे 17 जून को कैंपस सिक्योरिटी की सतर्कता से उसे पकड़ा गया और पवई पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया।
इस मामले की शुरुआत 4 जून को हुई जब क्रेस्ट विभाग की अधिकारी शिल्पा कोटिक्कल ने शिकायत की कि एक अनजान व्यक्ति उनके दफ्तर में घुसा आया है। जब उससे पहचान पत्र मांगा गया, तो वह मौके से फरार हो गया। बाद में सीसीटीवी फुटेज से उसका चेहरा निकाला गया और सिक्योरिटी क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को अलर्ट किया गया।
लेकिन संदिग्ध तब तक लापता रहा। 17 जून की दोपहर 4 बजे, कोटिक्कल ने उसी युवक को Lecture Hall LH-101 में छात्रों के साथ बैठा देखा। तुरंत QRT गार्ड किशोर कुंभार और श्याम घोड़विंदे ने कार्रवाई करते हुए उसे मौके पर ही हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में सामने आया कि बिलाल तेली ने 2 से 7 जून और फिर 10 से 17 जून तक छात्रावासों में रुककर कैंपस में अवैध रूप से निवास किया। IIT बॉम्बे में लगभग 13,000 छात्र (अंडरग्रेजुएट, मास्टर्स और पीएचडी) रहते हैं, ऐसे में एक अनधिकृत व्यक्ति का कैंपस में दो सप्ताह तक रहना बेहद चिंताजनक माना जा रहा है।
पवई पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 329(3) और 329(4) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, “दो सप्ताह तक एक अनजान व्यक्ति का कैंपस में रहना, हॉस्टल और अकादमिक इमारतों में आना-जाना, सुरक्षा में गंभीर सेंध है।”
इंटेलिजेंस एजेंसियों को इस मामले की जानकारी दे दी गई है, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बिलाल का कोई आतंकी या नेटवर्क लिंक तो नहीं है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि वह किसके संपर्क में आया, उसकी मंशा क्या थी, और कैंपस में किस रास्ते से दाखिल हुआ।
पुलिस का मानना है कि बिलाल संभवतः किसी आयोजन के दौरान छात्र बनकर परिसर में घुसा और वहां के माहौल में घुल-मिल गया। IIT बॉम्बे का लगभग 550 एकड़ का कैंपस है, जिसमें एक हिस्सा पवई झील के किनारे स्थित है — जिसे सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है।
IIT प्रशासन और पुलिस ने छात्रों व स्टाफ से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति को तुरंत सुरक्षा विभाग को सूचित करें। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, विशेष रूप से देश के सर्वोच्च तकनीकी संस्थानों में, जहां ऐसे मामलों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
IIT बॉम्बे में सामने आया यह सुरक्षा उल्लंघन एक सिस्टम अलार्म है। जहां एक ओर परिसर की खुली संस्कृति शैक्षणिक माहौल को प्रेरित करती है, वहीं सुरक्षा के ऐसे चूक खतरे को आमंत्रण दे सकते हैं।
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