मटका सट्टेबाजी की दुनिया की चर्चित चेहरा और मुंबई की कुख्यात “मटका क्वीन” जया छेड़ा को गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार(2 मई) की देर रात गिरफ्तार कर लिया। जया, कुख्यात मटका ऑपरेटर सुरेश भगत की विधवा हैं, जिसकी हत्या की साजिश में उनका नाम पहले भी सुर्खियों में रहा है।
पुलिस ने गोवा के पणजी, मापुसा, पोरवोरिम, मडगांव, वास्को, पोंडा, मंड्रेम और पेनरेम जैसे इलाकों में एकसाथ छापेमारी कर मटका सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस अभियान के तहत जया छेड़ा समेत चंदुभाई ठक्कर उर्फ “डी’सा”, घनश्याम भाई और 12 अन्य बुकीज़ को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कुल 13 केस दर्ज किए हैं और 15 आरोपियों के खिलाफ गोवा प्रिवेंशन ऑफ गैंबलिंग एक्ट की धारा 11(2)(a) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 112 पढ़ी विद 3(5) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
क्राइम ब्रांच के अनुसार, जया छेड़ा मुंबई से कल्याण मटका का मुख्य संचालन करती थीं, जबकि चंदुभाई और गणेश्याम गुजरात के मुख्य बाजार मटका रैकेट को रात के समय चलाते थे। FIR में शामिल नामों से पता चलता है कि मटका नेटवर्क न केवल महाराष्ट्र और गुजरात में, बल्कि गोवा तक फैल चुका था।
मटका सट्टे की नींव कल्याण भगत ने रखी थी, जिसे बाद में उनके बेटे सुरेश भगत ने आगे बढ़ाया। 2008 में सुरेश की रहस्यमयी कार दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके पीछे पत्नी जया छेड़ा की साजिश उजागर हुई थी। जांच में सामने आया कि उन्होंने संपत्ति और मटका साम्राज्य पर कब्जा जमाने के लिए अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करवाई थी। इस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा मिली, लेकिन 2018 में स्वास्थ्य कारणों के चलते उसे जमानत मिल गई।
गोवा पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई कई हफ्तों की खुफिया निगरानी के बाद की गई। 12 एफआईआर दर्ज की गईं और आरोपियों से भारी मात्रा में दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक सबूत, और नकद जब्त किया गया है। मटका जैसे गैरकानूनी सट्टेबाजी खेल में सक्रिय गिरोहों पर यह कार्रवाई पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
इस गिरफ्तारी के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जया छेड़ा के खिलाफ पहले से लंबित मामलों को भी दोबारा खोला जाएगा या मटका साम्राज्य का यह अध्याय कानूनी कार्रवाई में नई करवट लेगा।
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