खोपोली पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन के तहत तीन बांग्लादेशी महिलाओं को भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां खोपोली के मिलगांव स्थित पटेल नगर क्षेत्र से हुईं, जहां ये महिलाएं बिना वैध पासपोर्ट और वीजा के रह रही थीं। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य महिला को भी पकड़ा है, जिस पर इन्हें आर्थिक लाभ के उद्देश्य से शरण देने का शक है।
यह कार्रवाई 15 मई को खोपोली पुलिस की टीम ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शीतल राऊत के नेतृत्व में गोपनीय सूचना के आधार पर की। यह ऑपरेशन उपविभागीय पुलिस अधिकारी (खालापुर) विक्रम कदम के मार्गदर्शन और रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घरगे तथा अतिरिक्त एसपी अभिजीत शिवथरे के निर्देशों के तहत अंजाम दिया गया।
वरिष्ठ निरीक्षक राऊत ने बताया, “छापेमारी के दौरान तीन महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के पाई गईं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे बांग्लादेश के नारैल जिले के कालिया थाना अंतर्गत जामरिलडांगा की निवासी हैं। उन्होंने भारत में घुसपैठ की बात कबूल की लेकिन वैध दस्तावेज नहीं दिखा सकीं।”
इन महिलाओं के खिलाफ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, पासपोर्ट नियम 1950, और विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से 20 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ये महिलाएं पिछले 10 दिनों से खोपोली में रह रही थीं और इससे पहले खारघर में थीं। पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर पुलिस ने पटेल नगर की मिलकतकर वाडी में रहने वाली एक और महिला को गिरफ्तार किया है, जो संभवतः खुद भी बांग्लादेशी नागरिक हो सकती है। उसके दस्तावेजों और पृष्ठभूमि की जांच जारी है।
इस जांच अभियान का नेतृत्व सहायक पुलिस निरीक्षक सुजीत गडाडे कर रहे हैं। टीम में पीएसआई पूजा चव्हाण, पीएसआई के.एस. निकम, और पुलिस कर्मी सतीश बानगर, आशा भोये, स्वप्निल लाड, और प्रणीत कालमकर शामिल थे।
यह कार्रवाई रायगढ़ ज़िले में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान और उन पर कार्रवाई करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। पुलिस ने संकेत दिए हैं कि ऐसी और कार्रवाइयां भविष्य में भी की जाएंगी।
