मुंबई के मलाड स्थित एरंगल गांव में अवैध निर्माण को लेकर अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती बीएमसी के रडार पर आ गए हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की पी-नॉर्थ वार्ड ने उन्हें 10 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें मुंबई महानगरपालिका अधिनियम की कई धाराओं के उल्लंघन का हवाला दिया गया है।
नोटिस के अनुसार, मिथुन चक्रवर्ती के स्वामित्व वाले भूखंड पर बिना अनुमति के ग्राउंड-प्लस-मेजनाइन फ्लोर वाले दो ढांचे, एक ग्राउंड फ्लोर का स्ट्रक्चर और तीन अस्थायी यूनिट्स बनाए गए हैं। इन ढांचों में ईंट, लकड़ी की पट्टियां, कांच की दीवारें और एसी शीट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो स्पष्ट रूप से बीएमसी के नियमों का उल्लंघन करते हैं।
बीएमसी ने चेतावनी दी है कि अगर अभिनेता की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो धारा 475 ए के तहत कानूनी कार्रवाई करते हुए ढांचे को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, “मैंने कोई अवैध निर्माण नहीं करवाया। कई लोगों को नोटिस भेजे गए हैं और हम अपना जवाब भेज रहे हैं।”
सामाजिक कार्यकर्ता नदीम शेख ने इस पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि, “जब हाल ही में 24 अवैध ढांचों को तोड़ा गया, तो मिथुन चक्रवर्ती के निर्माण को क्यों छोड़ा गया?”
बीएमसी के मुताबिक, मई के अंत तक एरंगल और आसपास के इलाकों में 101 अवैध संरचनाओं को गिराया जाएगा। गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब मिथुन चक्रवर्ती को बीएमसी की ओर से नोटिस मिला हो। साल 2011 में भी उनके खिलाफ इसी तरह का नोटिस जारी किया गया था।
मुंबई में बीते कुछ हफ्तों से अवैध निर्माण के खिलाफ बीएमसी का अभियान तेज हो गया है। आम से खास तक, नियमों के उल्लंघन पर नगर निगम सख्त होती नजर आ रही है। मिथुन चक्रवर्ती देश के उन चर्चित फिल्मी चेहरों में से हैं जिनके पास मुंबई, कोलकाता और ऊटी में आलीशान संपत्तियां, बंगले और होटल हैं। ऐसे में बीएमसी की कार्रवाई और इस पर उनकी प्रतिक्रिया, दोनों ही चर्चाओं का विषय बने हुए हैं।
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