उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित CBI कार्यालय के बाहर शुक्रवार (23 मई)सुबह एक चौंकाने वाली घटना में एक आदिवासी व्यक्ति ने धनुष-बाण से हमला कर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी को घायल कर दिया। यह दृश्य किसी बॉलीवुड एक्शन फिल्म की तरह प्रतीत हुआ, लेकिन हकीकत में एक गंभीर सुरक्षा चूक और असामान्य हमले की कहानी बन गया।
घटना में घायल 48 वर्षीय सहायक उप-निरीक्षक (ASI) वीरेन्द्र सिंह को तत्काल श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर और खतरे से बाहर बताई है।
हमलावर की पहचान 55 वर्षीय दिनेश मुर्मू के रूप में हुई है, जो बिहार के मुंगेर जिले के हरकुंड खरगपुर गांव का रहने वाला है। यह क्षेत्र झारखंड की सीमा से सटा हुआ है और आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी वाला इलाका है, जहां पारंपरिक रूप से धनुष-बाण का इस्तेमाल किया जाता है।
हजरतगंज थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि यह घटना सुबह 11:15 बजे के आसपास हुई जब मुर्मू CBI कार्यालय के बाहर एक पेड़ के नीचे बैठा था। ड्यूटी पर तैनात ASI वीरेन्द्र सिंह ने जब उससे पूछताछ की, तो मुर्मू ने अचानक तीर चलाना शुरू कर दिया। एक तीर वीरेन्द्र सिंह के सीने में आकर लगा, और उसके बाद उसने कई और तीर चलाए, जिनमें लोहे की नुकीली धार लगी थी।
घायल अवस्था में पुलिसकर्मी को अस्पताल पहुंचाया गया, और हमलावर को तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। पुलिस ने हमलावर के खिलाफ BNS की धारा 118(1) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 109(1) (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों के अनुसार, हमले के पीछे की मंशा अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह हमला 1993 के भारतीय रेलवे विस्फोट मामले से जुड़ा हो सकता है, जिसमें दिनेश मुर्मू की संभावित भूमिका या प्रभावितता की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, 1993 में भारतीय रेलवे में हुए बम धमाकों के बाद CBI ने मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जबकि नौ आरोपी अब भी फरार हैं।
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या मुर्मू कभी रेलवे में कर्मचारी था, और क्या वह किसी तरह उस केस में लिप्त था या उसकी नौकरी उस दौरान समाप्त की गई थी, जिसके कारण उसने CBI कार्यालय को अपना निशाना बनाया।
CBI कार्यालय जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में इस प्रकार का हमला सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लखनऊ पुलिस आयुक्तालय ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और CBI परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।
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