जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जर्मनी ने भारत के पक्ष में खुलकर समर्थन जताया है। जर्मनी ने कहा है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और जर्मनी हर उस देश के साथ खड़ा रहेगा जो आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बर्लिन में एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और पाकिस्तान से द्विपक्षीय स्तर पर ही सख्ती से निपटेगा।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जर्मनी के विदेश मामलों के मंत्री जोहान वेडफुल ने कहा, “जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ किसी भी लड़ाई का समर्थन करेगा। आतंकवाद को दुनिया में कहीं भी स्थान नहीं मिलना चाहिए। और इसलिए, हम उन सभी का समर्थन करेंगे जो आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और करना पड़ रहा है।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कहा, “हम सराहना करते हैं कि एक संघर्षविराम तक पहुंचा गया है।”
जब जयशंकर से पूछा गया कि जर्मन सरकार ने सार्वजनिक रूप से भारत के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन क्यों नहीं किया, तो उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि आपको गलत जानकारी दी गई है। हमने 7 मई को एक बातचीत की थी, उसी दिन हमने ऑपरेशन शुरू किया था। वह बातचीत काफी सकारात्मक और समझदारीपूर्ण रही थी। और सच कहूं तो इससे पहले भी जर्मन सरकार ने हमारे प्रति एकजुटता जाहिर की थी।”
जयशंकर ने कहा, “मैं बर्लिन तब आया जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में कार्रवाई की थी। भारत की आतंकवाद के प्रति नीति बिल्कुल स्पष्ट है — जीरो टॉलरेंस। हम किसी भी प्रकार के परमाणु दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और पाकिस्तान से किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना ही निपटेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “हम जर्मनी की इस समझ की सराहना करते हैं कि हर राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है।” इससे पहले दिन में, एस. जयशंकर ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी मुलाकात की और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
भारत द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर कश्मीर घाटी में आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया एक बड़ा सैन्य अभियान है, जिसे वैश्विक समुदाय के कई हिस्सों से समर्थन मिल रहा है।
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