केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार (23 मई)को कहा कि भारत ने भू-राजनीतिक प्रतिकूलताओं के बावजूद ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने, एलपीजी कवरेज बढ़ाने और रिफाइनिंग तथा वितरण क्षमता को मजबूत करने में सफलतापूर्वक कार्य किया है।
मानेसर (हरियाणा) में मंत्रालय की एक समीक्षा बैठक में पुरी ने बताया कि सरकार की सक्रिय रणनीतियों के चलते भारतीय उपभोक्ताओं को वैश्विक संकटों के बावजूद ऊर्जा की सुलभ और किफायती आपूर्ति सुनिश्चित हुई।
पुरी ने बताया कि सरकार ने 4 नवंबर 2021 और 22 मई 2022 को पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: ₹13 और ₹16 प्रति लीटर की दो बार उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। अप्रैल 2025 में तेल विपणन कंपनियों ने खुद हालिया लागतवृद्धि का भार उठाया ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।
एलपीजी पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) को परिवर्तनकारी पहल बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में मात्र 55% एलपीजी कवरेज आज लगभग 100% तक पहुंच चुकी है। देशभर में अब 25,000 से अधिक एलपीजी वितरक कार्यरत हैं, जिनमें 86% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में अब प्रति दिन 56 लाख सिलेंडरों की डिलीवरी होती है, जो एक नया रिकॉर्ड है। पुरी ने जोर देकर कहा कि भारत में एलपीजी की कीमतें वैश्विक स्तर पर सबसे कम हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 58% बढ़ोतरी के बावजूद पीएमयूवाई लाभार्थी 14.2 किलोग्राम सिलेंडर के लिए सिर्फ ₹553 का भुगतान कर रहे हैं, जबकि इसकी वास्तविक लागत ₹1,058 है। इसका अर्थ है कि सरकार और तेल कंपनियां ₹500 से अधिक की सब्सिडी वहन कर रही हैं।
गैर-पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए भी रसोई गैस की लागत तुलनात्मक रूप से कम रखी गई है — उन्हें ₹853 प्रति सिलेंडर चुकाना होता है। पुरी ने बताया कि पीएमयूवाई परिवारों के लिए खाना पकाने की दैनिक लागत मात्र ₹6.8, और सामान्य उपभोक्ताओं के लिए ₹14.7 है।
भारत अब 24,000 किलोमीटर से अधिक प्रोडक्ट पाइपलाइन, 314 तेल टर्मिनल/डिपो, और लगभग 96,000 खुदरा ईंधन स्टेशन संचालित कर रहा है। पुरी ने कहा कि यह बुनियादी ढांचा देश की ऊर्जा सुरक्षा और वितरण की रीढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा, “हमने न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि इसे हर नागरिक की पहुंच तक सुलभ भी बनाया है। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
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